Home उत्तराखंड जान जोखिम में डालकर सफर करने को ग्रामीण मजबूर

जान जोखिम में डालकर सफर करने को ग्रामीण मजबूर

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भले ही सरकार 4 साल बेमिसाल और विकास के दावे करते थक नहीं रही हो और बद्रीनाथ विधायक अपनी उपलब्धियां दिलाने में लगे हो लेकिन दसौली ब्लॉक के सबसे दूरस्थ छेत्र पाणा ईरानी के लोग बरसात के मौसम में जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर होते हैं 2013 में पानी रानी के लिए सड़क की प्रथम चरण के कटिंग हुई थी उसके बाद 2020 में इस सड़क के लिए दूसरे चरण का कार्य शुरू किया गया इतने वर्षों में थाई पुल का निर्माण ना हो पाने से लोगों को अपने दिनचर्या के कार्यों के लिए जान जोखिम में डालकर सफर करने को मजबूर होना पड़ता है ग्राम प्रधान की रानी मोहन सिंह नेगी का कहना है कि शासन और प्रशासन के सामने इस समस्या को लेकर हमेशा ही पत्राचार किए जाते रहे हैं लेकिन वर्तमान समय भी हालात जस के तस बने हुए हैं उन्होंने बताया कि झिंझि पुल जो 65 मीटर लंबा पुल है उसी स्थान पर नया पुल वाहनों के आवागमन के लिए बनना है,परंतु अभी कुछ दिन पूर्ब पुल के ठेकेदार द्वारा कार्य प्रारम्भ तो कर दिया गया है,परन्तु,लोगों का आवागमन इस पैदल पुल से बंद हो गया है,झूला पुल के दोनों और के अप्रोच बन्द हो गए हैं लोगों का आना जाना बंद हो गया है
बाईट मोहन सिंह नेगी ग्राम प्रधान ईरानी