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देवलीबगड़ में अनुसूचित जनजाति सम्मेलन आयोजित

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जिला जनजाति कांग्रेस संगठन के तत्वावधान में आज जनपद चमोली स्थित देवली बगड़ में जनजाति सम्मेलन का आयोजन किया गया, इस दौरान जिले भर से सैकडों की संख्या में जनजाति समुदाय के लोग अपनी पारम्परिक वेशभूषा में कार्यक्रम में पहुंचे, कार्यक्रम का शुभारम्भ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम ंिसह पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र भण्डारी ,जिलापंचायत अध्यक्ष रजनी भण्डारी ने किया।

देवलीबगड़ खेल मैदान में ग्रामीणों की ओर से पौंडा नृत्य की प्रस्तुति के साथ सम्मेलन का शुभारंभ किया गया। जिसके पश्चात संगठन के जिलाध्यक्ष सुपिया सिंह
राणा ने मुख्य अतिथि और चकराता विधाकय प्रीतम सिंह का जनजाती के ग्रामीणों की समस्या को विधानसभा के पटल पर रखने के लिये अभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि जिले में जनजातियों के शीतकालीन प्रवासों के आसपास हो रहे विकास कार्यों के लिये भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है। लेकिन भूमि का मालिकाना अधिकार न होने से ग्रामीणों को भूमि का मुआवजे को लेकर दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। वहीं नीती-माणा घाटी कल्याण उप समिति अध्यक्ष मनोज रावत ने बताया कि मोली जिले के सीमावर्ती गांव मलारी, जुम्मा, कोषा, कागा, गरपका, द्रोणागिरी, माणा, नीती के मूल निवासी जनजाति के लोग शीतकाल में छह माह के लिए नीचले स्थानों पर आते है। जिसमें देवलीबगड़, कालेश्वर, मंगरौली, पवनकिला, विरही, मैठाणा, छिनका, कोडिया, भीमतल्ला आदि स्थान है। जहां पर जनजाति के लोग सैकड़ों सालों से छह माह प्रवास करते है। लेकिन यहां सरकार की ओर भूमि ग्रामीणों का नाम दर्ज न होने की बात कहते हुए हटाया जा रहा है।

जिसे लेकर ग्रामीण सरकार से आवसीय भवन और काश्तकारी भूमि पर मालिकाना हक देने की मांग कर रहे हैं।

राजेन्द्र भण्डारी ने अपने चिरपरिचित अंदाज में संबोधन करते हुए कहा कि चमोली जिला सीमान्त जिला है भारत चीन सीमा से लगे गांव माणा, निति मलारी कैलाश पुर, बाम्बा सभी गांव में जनजाति समुदाय के लोग रहते है और देश के लिए सामरिक दृष्टि कोण से भी जनजाति समुदाय के लोगों महत्वपूर्ण योगदान है। इस सब को देखते हुए उन्होंने आश्वसन दिया कि 2022 में सरकार आते ही वे जनजाति समुदाय के लोगों द्वारा जो भी समस्याऐं रखी उनके समाधान की कोशिश करेंगे

सम्मेलन में ग्रामीणों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रीतम सिंह और पूर्व काबिना मंत्री राजेंद्र भंडारी ने ग्रामीणों को कांग्रसे के सत्ता में आने पर जनजाति के ग्रामीणों को उनकी भूमि पर मालिकाना हक दिलाये जाने के प्रावधान करने का भरोसा दिलाया।

इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी, धीरेंद्र गरोडिया, हरेंद्र राणा, शंकर सिंह रावत, ठाकुर सिंह राणा, यशपाल डुंगरियाल, धर्मेंद्र पंवार, लक्ष्मण बुटोला, संजू राणा, शोभा राणा, देवेश्वरी देवी, लीला देवी आदि मौजूद थे।

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