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क्वींठी के कमल ने मुर्गी पालन और मत्स्य पालन से स्वरोजगार का मॉडल किया विकसित

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मुर्गी पालन से एक माह में 1 लाख से अधिक की आय प्राप्त कर रहा कमल
गोपेश्वर: चमोली के क्वींठ गांव निवासी कमल सिंह रावत ने मुर्गी पालन और मत्स्य पालन के जरिये स्वरोजगार का मॉडल विकसित किया है। इससे अब अन्य ग्रामीण भी कमल की भांति स्वरोजगार करने की तैयारी कर रहे हैं। कमल वर्तमान में मुर्गी विपणन से करीब 1 लाख की मासिक आय प्राप्त कर रहे हैं।

बता दें कि चमोली के क्वींठी गांव निवासी कमल ने वर्ष 2018 में स्वयं के संसाधनों 7 लाख की लागत से 4 हजार वर्ग फुट में मुर्गी फार्म तैयार किया। जहां शुरुआत में उन्होंने 35 सौ मुर्गियों के साथ काम शुरु किया। अब वे प्रतिदिन करीब 50 मुर्गी का नियमित विपणन कर रहे हैं। मुर्गी पालन में मिली सफलता के बाद बीते नम्बर माह में कमल ने कृषि विभाग के सहयोग से मत्स्य पालन का कार्य शुरु कर लिया है। वे कॉन कार्प और ग्रास कार्प मछलियों का पालन कर रहे हैं। जिसका खुले बाजार में मूल्य 4 सौ रुपये किलो है। उन्होंने बताया कि आठ माह में वे 10 किलो मछली का विपणन कर चुके हैं। हालंकि लॉकडाउन और मछलियों के प्रजनन काल होने के चलते पुनः मछलियों का विपणन नहीं हो पाया है। वहीं कमल की ओर से अब फार्म के आसपास सब्जी उत्पादन का कार्य भी शुरु कर दिया गया है। इन दिनों फार्म में पत्ता गोभी, शिमला मिर्च और टमाटर की फसल भी तैयार हो गई है। कमल के साथ जहां फार्म में उनकी पत्नी रेखा देवी और दो भाई दीपक और भूपेंद्र को रोजगार मिल रहा है। वहीं इसके अलावा यहां कमल ने दो अन्य ग्रामीणों को रोजगार उपलब्ध कराया है। कमल सिंह का कहना है कि स्वरोजगार के लिये संचालित योजनाओं पर यदि युवाओं द्वारा गंभीरता से कार्य किया जाता है। तो पहाड़ों से हो रहे पलायान और रोजगार की समस्या से निजात मिल सकती है।