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जिला पंचायत अध्य्क्ष चमोली पर सरकार की ओर से कार्यवाही न होने पर भाजपा समर्थित जिलापंचायत सदस्यों ने दिया स्तीफा

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जिला पंचायत अध्यक्ष चमोली रजनी भंडारी पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण रावत द्वारा लगाएगी भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप के बाद अब चमोली की राजनीति में हलचल लगातार बढ़ती जा रही है इसी मामले में बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट ने भी सरकार से शीघ्र जांच की मांग की और जांच ना होने तक अध्यक्ष जिला पंचायत के वित्तीय अधिकार सीज करने की मांग की थी रविवार को सरकार की ओर से जिला पंचायत अध्यक्ष पर कार्यवाही ना होने से नाराजगी जताते हुए भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्यों ने इस्तीफा सौंपा है इसमें जिला अध्यक्ष भाजपा चमोली रघुवीर बिष्ट द्वारा मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस पूरे मामले से अवगत करवाया है

जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। सरकार की ओर से अध्यक्ष के विरूद्घ कोई कार्रवाई न करने पर भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है, जिससे मामला और भी गरमा गया है। भाजपा के जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह बिष्ट ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर शीघ्र मामले में अध्यक्ष के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई कर अध्यक्ष के अधिकार और पदच्युत करने की मांग की है। 23 अक्टूबर को जिला पंचायत उपाध्यक्ष लक्ष्मण सिंह रावत ने जिला पंचायत अध्यक्ष पर वित्तीय अनियमितता और निविदा प्रक्रिया में धांधली करने के आरोप लगाए थे। उसके बाद से जिले में राजनीति गरमा गई। जिला पंचायत में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया। कांग्रेस समर्थित सदस्यों ने उपाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया तो अध्यक्ष ने किसी भी जांच के लिए तैयार होने की बात कही। मामले की गंभीरता को देखते हुए बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट भी कूद पड़े। उन्होंने मामले की जांच करने और जांच तक अध्यक्ष के अधिकार सीज करने की मांग सरकार के सम्मुख रखी। अब ‌भाजपा समर्थित जिला पंचायत सदस्यों के इस्तीफे से भाजपा जिलाध्यक्ष रघुवीर ‌सिंह बिष्ट ने मामले में आवश्यक कार्रवाई के लिए सरकार पर दबाव बना दिया है। अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर कहा कि मामले में सरकार की ओर से कोई कार्रवाई न होने पर सदस्यों ने भाजपा की सदस्यता से ही इस्तीफा दे दिया है। कहा कि जिला पंचायत अध्यक्ष पर वर्ष 2012-13 में नंदा राजजात के कार्यों में निविदा प्रक्रिया में धांधली की गई थी। जब जांच हुई तो आरोप भी सिद्घ हो गए थे। जिला पंचायत उपाध्यक्ष की ओर से अध्यक्ष पर लगाए गए वित्तीय अनियमितता के अन्य आरोप भी गंभीर हैं। लेकिन अभी तक इस ओर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। भाजपा समर्थित सदस्यों के इस्तीफा देने से पार्टी को ‌जनपद में नुकसान झेलना पड़ सकता है। लिहाजा तत्काल जिला पंचायत अध्यक्ष को पदच्युत किया जाए। अब मामले में राजनीति बेहद नाजुक मोड़ पर पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना से मामले को लेकर बातचीत की है।

जिला पंचायत सदस्य योगा सेमवाल ने कहा कि जिला पंचायत चमोली में जिस तरह के भ्रष्टाचार में लिप्त होकर जिला पंचायत अध्यक्ष द्वारा काम किए जा रहे हैं उनको लेकर और 2013 में नंदा देवी राजजात यात्रा में टेंडर प्रक्रिया के अंतर्गत जो अनियमितता हुई थी उसको लेकर सरकार के सामने कई बार जांच और कार्यवाही के लिए अपनी बात रखी गई थी लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई जिसके चलते इस तरह का निर्णय जिला पंचायत सदस्यों को लेना पड़ा

वहीं जिला पंचायत सदस्य  विक्रम बर्तवाल ने कहा कि उनके द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष चमोली पर जिला पंचायत उपाध्यक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों में जांच को लेकर और उस पर कार्यवाही की मांग में हो रही देरी के चलते सभी जिला पंचायत सदस्य द्वारा इतना बड़ा निर्णय लिया गया है

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