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ग्रामीण छेत्रों ऑक्सीजन की पूर्ति के लिए जर्मनी में प्रवासी भारतीय ने की पहल

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चमोली के दूरस्थ गांवों में आक्सीजन की आवश्यकता वाले मरीजों की मदद को जर्मनी में रही प्रवासी भारतीय ने मदद को हाथ बढाया है। चमोली जिले के पोखरी की पूनम रावत ने जर्मनी से गोपेश्वर के युवाओं की ओर से गठित एलडीआरएफ (लोकर डिजास्टर रिलीफ फोर्स) को चार ऑक्सीजन कंसट्रेटर उपलब्ध कराने का बीड़ा उठाया है। पूनम और उनके पति थॉमस हान इस काम के लिये ऑन लाइन फंड रेज करने की मुहीम शुरु कर दी है। जिसमें 25 घंटे में 2541 यूरो (दो लाख 26 हजार 423 रूपये) की जर्मनी के आम लोगों की ओर से मदद की गई है।

पूनम का कहना है कि बीते दिनों चमोली के दूरस्थ क्षेत्र में उनकी बुआ की आक्सीजन न मिलने से गांव में ही मौत हो गई। गांव में आक्सीजन की व्यवस्था न होने के चलते उन्हें चिकित्सालय नहीं पहुंचाया जा सका। इस घटना को देखते हुए उन्होंने दूरस्थ गांवों में बीमार मरीज को 108 या किसी अन्य सुविधा के मिलने तक आक्सीजन की सुविधा देने के लिये यह कदम उठाया है। उन्होंने बताया कि बीते दिनों आपदा के दौरान गोपेश्वर के युवाओं के संगठन एलडीआरएफ की ओर से किये काम को सोशल मीडिया पर देखा था। जिसे देखते हुए संगठन की मदद से चमोली के गांवों में यह सुविधा शुरु करने की योजना बनाई गई है। जिसके लिये 4175 यूरो ( तीन लाख 71हजार 822)की धनराशि से चार आक्सीजन कन्संट्रेटर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके लिये पूनम की ओर से जर्मनी में ऑन लाइन फंड रेज का कार्य किया जा रहा है। जिसमें जर्मनी के स्थानीय लोगों की ओर से बढचढ कर मदद के लिये हाथ बढाया जा रहा है। जिसके चलते 24 घंटे में पूनम दो लाख 26 हजार 423 की धनराशि जुटा चुकी हैं। उन्होंने बताया कि जल्द ही अब मशीनें भारत भेजी जाएंगी। वहीं एलडीआरएफ के संयोजक अनूप पुरोहित ने कहा कि संगठन के सदस्यों को चिकित्सकों की परामर्श और दिशा निर्देश में आक्सीजन कंस्ट्रेटर के संचालन की जानकारी दी जाएगी। वहीं चिकित्सकों के परामर्श पर दूरस्थ क्षेत्रों में मशीने मरीजों को उपलब्ध कराई जाएंगी।