जोशीमठ: जोशीमठ ब्लॉक के सीमांत गांव जुम्मा में क्षतिग्रस्त सिंचाई गूल का ग्रामीणों ने स्वयं मरम्मत करने का निर्णय लिया और गांव के बुजुर्ग महिलाएं गूल निर्माण कार्य में लगे हुए हैं गौरतलब है कि जुम्मा गांव भारत तिब्बत सीमा से लगा हुआ गांव है इन गांवों के विकास को लेकर शासन और प्रशासन के लोग कई तरह के दावे करते हैं इन्हीं गांव के लोगो को द्वीतीय रक्षा पंक्ति भी कहा जाता है। लेकिन शासन और प्रशासन के दावों की पोल खोल दी यह तस्वीरें आपको बताती हैं कि शाशन प्रशासन कितना संवेदनशील सीमांत गांव के लिए है, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि मनोज रावत का कहना है कि विगत लंबे समय से सिंचाई विभाग की ओर से जुम्मा सिचाई गूल की मरम्मत का कार्य लेटलतीफी के साथ किया जा रहा है विभाग के उदासीनता के कारण आज ग्राम में बुजुर्ग स्वयं इसकी मरम्मत करने को मजबूर हैं ग्रामीणों का कहना कि पूर्व में विभाग द्वारा ₹200000 जिला योजना में यहां पर खर्च किए गए थे लेकिन वर्तमान समय तक भी स्थाई समाधान नहीं हो पाया है और अगर विवाह का चित्र का रवैया रहा तो ग्रामीण उग्र आंदोलन करने को मजबूर होंगे इस दौरान बलबीर सिंह रणजीत सिंह चंद्र सिंह गब्बर सिंह मान सिंह राणा रूपा देवी झांपी देवी मंजू देवी गीता देवी कीरत सिंह रुकमणी देवी विनीता राणा लक्ष्मण सिंह देवेश रावत आदि मौजूद रहे
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