जोशीमठ- जोशीमठ में चारधाम यात्रा शुरू होने की प्रक्रिया के तहत तिमुण्डियां कौथिग का आयेाजन किया गया, चारधाम यात्रा के साथ समस्त क्षेत्रवासियों की सुख समृद्धि के लिए कपाट खुलने से पूर्व यह आयोजन किया जाता है।
बदरीनाथ मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खुलने से पहले कई परम्परायंे शुरू हो जाती हैं जिसमें से तिमुण्डियां कौथीग महत्वपूर्ण हैं, तिमुण्डियां कौथीन आयोजन जोशीमठ नर्सिंग मंदिर परिसर में किया जाता है इस दौरान तिमुण्डिया कौथीग देखने के लिए सैकडों की संख्या लोग पहंुचते हैं। दंत कथाओं में तिमुण्डिया को लेकर मान्यता है कि मां दुर्गा जब इस क्षेत्र में आती हैं तो उन्हें पता चलता है कि एक राक्षस जो इंसानों का भक्षण कर रहा है जिसके भय से लोग खौफ जदा हैं जिसके मां दुर्गा इस दानव को पकड लेती है और उसे आम जनमानस को न मारने का संकल्प लेती है और उसे अपना भक्त बनाते हुए आश्वस्त करती है जब भी श्री नारायण भगवान बदरीविशाल मंदिर के कपाट आम श्रद्धालुओ ंके लिए खोले जायेंगे उससे पूर्व आपको यहां के आम जनमानस द्वारा पूजा जायेगा। तब से स्थानीय लोग इस परम्परा निर्वहन करते आ रहे है।
इस दौरान पुजाई समिति के अध्यक्ष भगवती प्रसाद नंबूदरी, लैंसडाउन विधाक दलीप रावत, बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, नगरपालिका अध्यक्ष शैलेंन्द्र पंवार, बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चन्द्र उनियाल, अवतारी पुरूष भोला सिंह नामण, भरत सिंह, आदि मौजूद रहे।
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