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गांव के युवा ही हैं असली देवदूत

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  • विकट परिस्थितियों में कंधो पर लेकर आते हैं बीमार,घायल, गर्भवती महिलाओं को
  • प्रशासन का नहीं करते हैं इंतजार
  • चमोली’ जनपद चमोली के दशोली ब्लाक के सुदूरवर्ती गांव इराणी सड़क मार्ग से 8 किमी दूर कल जमुना देवी पत्नी मातबर सिंह उम्र 25 साल ग्राम इराणी के अचानक पेट में दर्द होने के कारण गाँव में प्रार्थमिक स्वास्थ्य केंद्र न होने के कारण भी प्रथम उपचार का कोई माध्यम नहीं है। फिर आनन फानन में गांव के 15-20 लोगों के इस विकट परिस्थितियों में खस्ताहाल रास्तों के जैसे तैसे डंडी कंडी के सहारे बीमार को पगना नामक जगह पर पहुंचाया यहां पर भी चिकित्सा व्यवस्था न होने के कारण बीमार महिला को जिला मुख्यालय गोपेश्वर अस्पताल पहुंचाया गया । बताते चलें की पहाडी क्षेत्रों में लेकिन पिछले दिनों क्षेत्र मे भारी बारिश होने से सडक मार्ग भी जगह जगह क्षतिग्रस्त है और आज भी चमोली कई गांव ऐसे हैं जहंा पर सडक की मांग को लेकर लोग शासन और प्रशासन के चक्कर काटने को मजबूर हैं। आज भी पहाड के गांव सुख सुविधाओं की उमीद को लेकर नेताओं के सामने गिडगिडाते रहते हैं। और पहाडी क्षेत्रों में इस तरह के मामले हर जगह से देखने को मिलते हंैं
    सुविधाविहीन गांवांे के युवा और ग्रामीण हमेशा ही किसी भी परिस्थितियों से डर कर हार नहीं मानते हैं हर तस्वीर में देखने को मिलती है घायल, बीमार या फिर गर्भवती महिलाओं के लिए सब देवदूत बनकर खडे हो जाते हैं। इन गांवों का इतिहास देखा जाय तो ऐसा लगता है कि ये युवा और ग्रीमीण नहीं होते तो शायद हजारों की संख्या में लोग समय पर इलाज न मिल पाने के चलते गांव में ही दम तोड देते। ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्र के युवाओं को देवदूत की संज्ञा देना बेइमानी नहीं होगी।

 

वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भण्डारी ने कहा कि सदियों से दूरस्थ गांवों के लोगों ने अपनों की जान बचाने के लिए हमेशा खुद जिम्मेदारी ली है और विकट परिस्थितियों में हमेशा ग्रामीण युवाओं की ही भागीदारी अहम होती है, इसके लिए जिलापंचायत अध्यक्ष होने के नाते ऐसे युवाओं के मनोबल बढाने के लिए प्रोत्साहित किया जोयगा और युवा कल्याण विभाग द्वारा भी समाज हित में खडे रहने वाले युवाओं के लिए प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास करने चाहिए। विगत दिनों बरसात के कारण हुई बंद सडकों को शीघ्रातिशीघ्र खोले जाने के निर्देश प्रशासन को दिये गये है ताकि आमजन मानस को किसी भी तरह की समस्या न हो।

 

वहीं ग्राम प्रधान ईराणी मोहन सिंह नेगी ने बताया कि बारिस के बाद निजमूला घाटी के आधा दर्जन गांवों की स्थिति चुनौतीपूर्ण बनी हुई है। ऐसे में बीमार, घायल, गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने विकट रास्तों से होकर गुजरना पडता है। ऐसे में प्रशासन से कई बार सडक को सुचारू करने के लिए कहा गया है।