Home उत्तराखंड विजन डाक्यूमेंट 2030 तैयार करने को लेकर कार्याशाला का आयोजन

विजन डाक्यूमेंट 2030 तैयार करने को लेकर कार्याशाला का आयोजन

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चमोली :सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एण्ड गुड़ गवर्नेंस उत्तराखण्ड नियोजन विभाग एवं यूएनडीपी के तत्वाधान में शुक्रवार को क्लेक्ट्रेट सभागार में जनपद के सतत् विकास लक्ष्यों के स्थानीय स्तर पर नियोजन एवं क्रियान्वयन को लेकर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई। जिसका उददेश्य जनपद के सतत् विकास के लिए कार्ययोजना एवं विकास का रोडमैप के साथ जनपद के लिए विजन डॉक्यूमेंट 2030 तैयार करना है।
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कार्यशाला का शुभांरभ करते हुए कहा कि नियोजन विभाग की ओर से जनपद स्तर पर कार्यशाल के माध्यम से सतत् विकास लक्ष्यों को निर्धारित करते हुए विजन डाॅक्यूमेंट तैयार किया जाना है। जिसमें सभी विभागों की अहम भूमिका है।

जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को दो दिवसीय कार्यशाला में अपने अनुभवों एवं विचारों को साझा करने पर जोर दिया। कहा कि इससे जनपद के सतत् एवं नियोजित विकास हेतु बेहतर रोडमैप तैयार करने में मदद मिलेगी।

सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एण्ड गुड़ गवर्नेंस उत्तराखण्ड देहरादून से आए स्थानीयकरण विशेषज्ञ करूणाकर साह ने कार्यशाला में सतत् विकास लक्ष्य के सन्दर्भ मे जानकारी देते हुए बताया कि भारत सरकार व राज्य सरकार ने 17 सत्त विकास लक्ष्यों के अन्तर्गत 169 लक्ष्यों को निर्धारित किया गया है। जिसमें गरीबी उन्मूलन, रोजगार सृजन, महिलाओं व बच्चों को पोषण आहार उपलब्ध कराना, सभी को न्याय संगत शिक्षा के अवसर उपलब्ध कराना, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के माध्यम से सबको अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना, रोजगार के लिए कौशल विकास के कार्यक्रम चलाना, पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देना, स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना, स्वच्छता को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बढ़ावा देना, कमजोर वर्गों का सुसंगत न्याय उपलब्ध कराना, आवास की सुविधा उपलब्ध कराना, औद्योगिक गतिविधियों के द्वारा रोजगार के अवसर उपलब्ध कराकर सभी नागरिकों को सम्मानपूर्वक जीवन निर्वहन करने से संबधित विषयों पर गहनता से चर्चा की जाएगी। और इनको विभिन्न सरकारी योजनाओं एवं जन भागीदारी के माध्यम से प्राप्त करने का समन्वित प्रयास किया जाएगा।
कार्यशाला में पहले दिन सतत् विकास के संबध में जागरूकता एवं स्थानीय स्तर पर मुद्दों का चिन्हीकरण तथा उनके निदानों हेतु अपेक्षित चर्चा की गई। स्थानीय वित्तीय मानव संसाधन व तकनीकी संरचनाओं का चिन्हीकरण एवं एस0डी0जी0 योजना, संरचना, क्रियान्वयन हेतु रोडमैप विकसित करने पर विचार विमर्श किया गया। विशेषज्ञ ने बताया कि स्थानीय निकायों व समितियों के सदस्यगण, सामुदाय आधारित संगठन व बुद्धिजीवी वर्ग की भागीदारी से जनपद स्तरीय विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा। कार्यशाला में जनपद की आवश्यकतानुसार कार्यदलों के निष्कर्ष के पश्चात जनपद के विकास की रूपरेखा तैयार की जाएगी। कहा कि जनपद की आगामी जिला योजना एवं ग्राम पंचायत विकास योजना के लिए रोड मैप तैयार करते हुए इसी के आधार पर जनपद के सतत् विकास को दिशा प्रदान की जाएगी।
इस दौरान सीपीपीजीजी के विशेषज्ञ करूणाकर साह, माॅनिटरिंग विशेषज्ञ शैलेन्द्र कुमार, लाइवलीहुड प्रोफेशनल परधी कपूर, तकनीकि संस्था ईएचआई देहरादून से डा0 अनिल कुमार डिमरी, डा0 अजीत गैरोला, डा0 गजेन्द्र सिंह राणा सहित जनपद के सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल विकास, वन, कृषि, उद्यान, उद्योग, मत्स्य, पर्यटन, आपदा, नगर निकाय आदि रेखीय विभागों के अधिकारी मौजूद थे।