Home उत्तराखंड वात्सल्य योजना को लेकर जिलाधिकारी ने ली बैठक

वात्सल्य योजना को लेकर जिलाधिकारी ने ली बैठक

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चमोली: मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के तहत चमोली जनपद में अब तक 37 अनाथ बच्चों को चिन्हित कर लिया गया है जिनके माता पिता की मृत्यु कोविड महामारी के कारण हुई। बुधवार को जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना के क्रियान्वयन को लेकर गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक हुई। जिसमें कोविड से माता पिता की मृत्यु होने के कारण अनाथ हुए सभी बच्चों को चिन्हित करने और अब तक चिन्हित बच्चों की आवदेन प्रक्रिया को शीघ्र पूरा करने जोर दिया गया।

जिलाधिकारी ने कहा कि अनाथ बच्चों के प्रमाण पत्र, बैंक खाता एवं अन्य जरूरी दस्तावेजों को तैयार करने में पूरा सहयोग करें ताकि ऐसे बच्चों के संरक्षकों को आवेदन करने में सुगमता रहे। पिछली बैठक में दिए गए निर्देशों के क्रम में अवगत कराया गया कि जनपद में चिन्हित 37 अनाथ बच्चों के संरक्षकों से प्रमाण पत्र सहित आवेदन पत्र एवं इस संदर्भ में संबधित नायब तहसीलदारों से रिपोर्ट आ चुकी है। पोखरी तहसील से 6 बच्चों की निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट उपलब्ध न होने पर जिलाधिकारी ने तहसील स्तरीय नोडल अधिकारी को निर्देश दिए कि आज ही निर्धारित प्रारूप में रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी अनाथ बच्चा जिसके माता पिता की मृत्यु कोविड के कारण हुई है वात्सल्य योजना से वंचित न रहे। इसके लिए बाल विकास अधिकारी को भी निर्देशित किया गया कि प्रत्येक गांव में आंगनबाडी कार्यकत्री के माध्यम से सर्वे कर रिपोर्ट ली जाए। यदि ऐसा कोई बच्चा छूट गया है तो उसके लिए भी तत्काल आवेदन प्रक्रिया को पूरा किया जाए।

जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण एवं अन्य संबधित विभागों को भी छूटे हुए अनाथ बच्चों की जानकारी जिला प्राबेशन अधिकारी को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। ताकि ऐसे बच्चों का सत्यापन और समिति की संतुति के साथ उनका आवेदन भरकर वात्सल्या योजना से लाभान्वित किया जा सके। बैठक में सीएमओ डा0 केके अग्रवाल, सीईओ एलएम चमोला, डीईओ अशीष भण्डारी, डीपीओ संदीप कुमार, विधि सह प्रविक्षा अधिकारी प्रदीप सिंह सहित समिति के अन्य सदस्य मौजूद थे।

विदित हो कि कोविड के दृष्टिगत मुख्यमंत्री वात्सल्य योजना 01 मार्च 2020 से 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी। इस योजना से आच्छादित बच्चों को 21 वर्ष की आयु तक 3 हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता अनुमन्य की गई है। बच्चों के चिन्हीकरण के लिए तहसीलदार तथा नायब तहसीलदारों को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।