Home उत्तराखंड अंतिम संस्कार के लिए 6 घण्टे तक नही मिल पाया काँधा

अंतिम संस्कार के लिए 6 घण्टे तक नही मिल पाया काँधा

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कर्णप्रयाग(जीएच)
कालेश्वर में हुई कोरोना संक्रमित की मौत, मौत के बाद परिजन कई घण्टे तक अंतिम संस्कार के लिये खोजते रहे कन्धे, एसडीआरएफ ने आकर किया अंतिम संस्कार।

विकासखंड कर्णप्रयाग के नैनी नॉटी में देर रात एक ब्यक्ति की तबियत बिगड़ने के बाद परिजनों कर्णप्रयाग अस्पताल लाया गया। जहां पर जांच में पता चला कि व्यक्ति कोरोना संक्रमित है। प्रथमिक जांच के बाद कालेश्वर ले जाया गया जहां ओर उनकी मौत हो गयी।

मृत ब्यक्ति अशोक नैनवाल पुत्र परमानन्द नैनवाल उम्र 50 वर्ष सेना से रिटायर्ड हैं। मृतक के परिजन गोविंद प्रसाद नैनवाल, दिनेश नैनवाल दुर्गाप्रसाद गौरोला शव को अंतिम संस्कार के लिए लिए कर्णप्रयाग पुल के पास पहुचे लेकिन शव को ले जाने में तीनों असमर्थ थे और 9 बजे से कन्धों के इन्तजार में खुद को असहाय समझते हुए कभी कोरोना तो कभी इंसानियत से शिकायत करते रहे।
जिसके बाद एसडीआरएफ की टीम पहुची ओर मृत शरीर का अन्तिम संस्कार किया।
जब अपना कोई खडा नही तो पुलिस और एसडीआरएफ लगातार इस संकट की घड़ी में जरूरतमन्दों के लिए मददगार साबित हो रहे हैं।

हालांकि कोतवाली प्रभारी शर्मा का कहना है कि मृतक के परिजनों द्वारा सूचना देर में दी गयी जिसके चलते टीम देर से पहुची उनके द्वारा बताया गया कि परिजनों को लगा कि स्वतः ही टीम अंतिम संस्कार के लिए आएगी लेकिन ऐसा नही है , पुलिस को जैसे ही सूचना मिली उसके तुरंत बाद कोरोना संक्रमित का अंतिम संस्कार करवाया गया है।

कोरोना ने इंसानियत सच मे समाजिक दूरियों के लोए विवश कर लिया है, मृत शरीर को जहां पवित्र देह मानी जाती थी आज कोरोना संक्रमित होने के बाद प्रशांसन पुलिस की टीमें कन्धे न दें तो शायद कुछ और हालात देखने को मिलते। किसी के अंतिम संस्कार में शामिल होंन हिन्दू धर्म मे सबसे बड़ा कर्म माना जाता है लेकिन आज कोरोना ने सब कुछ खत्म कर दी है, आज इंसान कोरोना के नाम सुनते ही ऐसा ब्यवहार करने लगा है कि इंसांनीयत शर्मसार हो रही है।