देहरादून: केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के बाद एक के बाद एक विवाद आने जे अब राजनीतिक दल भी सरकार और मन्दिर समिति की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने लगे है, मन्दिर परिसर में क्यू आर कोड , सोने की परत का तांबे में परिवर्तित होना, गर्भगृह में शिव लिंग पर नॉट उड़ाना, लेकिन सबसे अधिक सवाल सोने की परत का तांबा ओर पीतल में परिवर्तन होने पर उठ रहे है, ओर जांच की मांग कर रहे हैं, मामले के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि श्री केदारनाथ हम सबके, पूरी मानवता के आस्था के केंद्र हैं। सोना या ताबे पर खाली सोने का वर्क, 23 किलो सोना या कितना किलो सोना, यह सब विवाद बहुत अरुचिकर है, मगर उठा है। इसका समाधान भी सामने आना चाहिए, सत्य भी सामने आना चाहिए। मैंने केदारनाथ जी के पूर्व विधायक श्री Manoj Rawat जी के साथ 7 लोगों से प्रार्थना की है कि आप लोग केदारनाथ क्षेत्र में जाएं, वहां के तीर्थ पुरोहितों व प्रबुद्ध लोगों से बातचीत करें और उनकी भावनाओं की जानकारी लेकर मेरा मार्गदर्शन करें। मुझे खुशी है कि सातों लोग इस दायित्व को निभाने के लिए खुशी-खुशी तैयार हुए हैं।
1- श्री मनोज रावत, पूर्व विधायक, केदारनाथ।
2- श्री कुलदीप कंडारी , जिला पंचायत सदस्य, सिल्ला, बामन गांव वार्ड, रुद्रप्रयाग।
3-श्री गणेश तिवारी , जिला पंचायत सदस्य, गुप्तकाशी वार्ड, रुद्रप्रयाग।
4- श्री विनोद राणा, जिला पंचायत सदस्य, कालीमठ वार्ड, रुद्रप्रयाग।
5- श्री कमल रावत, पूर्व प्रमुख कर्णप्रयाग।
6- श्री शिव सिंह रावत, रोंकश्वरी मंदिर समिति रांसी व पूर्व सदस्य, श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ।
7- श्री पुरुषोत्तम तिवारी , दुर्गा मंदिर समिति फेगु व वरिष्ठ तीर्थ पुरोहित केदारनाथ।
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