Home आलोचना कम्पनी की वादाखिलापी पर भड़के ग्रामीण रुकवाया काम

कम्पनी की वादाखिलापी पर भड़के ग्रामीण रुकवाया काम

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वादा खिलापी का आरोप लगाते हुए ग्रमीणों ने किया एनटीपीसी के खिलाप आंदोलन
चमोली: विकास खंड जोशीमठ के बड़ागाव के पैय्या चोर्मी के ग्रामीणों ने अपनी विभिन्न मांगो को लेकर एन टी पी सी की जल विद्युत परियोजना के डैम साइड पाईया चौरमी एडिट साइड पर आज तीसरे दिन भी कंपनी के खिलाफ वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए जमकर नारेबाजी की। और धरना प्रदर्शन किया ग्रामीणों ने चौरमी एडिट साइड मै अभी भी काम बंद है । हालांकि NTPC प्रबंधन द्वारा ग्रामीणों को वार्ता के लिए बुलाया जा रहा है लेकिन ग्रामीणों का साफ कहना है कि कम्पनी के अधिकारी खुद ग्रामीणों के साथ धरना स्थल पर आकर लिखित में माँग पूरी करने का आश्वासन दे तब ही प्रदर्शन थमेगा,आज धरना स्थल पर बड़ागाँव ग्राम पंचायत से ग्राम प्रधान विमला देवी सहित राकेश भंडारी छेत्रपंचायत सदस्य लक्ष्मी देवी भी मोजूद रही,


ग्रामीणों का आरोप है कि एन टी पी सी द्वारा ग्रामीणों से कई बादे किए थे लेकिन आज तक कंपनी द्वारा इन बादो पर अमल नहीं किया गया। ग्रामीणों ने चार पत्ती रोजगार विकास कार्य जैसी कई मांगे पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की धमकी दी है।
ग्रामीणों ने एन टी पी सी पर ग्रामीणों को ठगने का आरोप भी लगाया। कहा कि जब एन टी पी सी यहां काम करने आई थी तो कंपनी द्वारा ग्रामीणों से कई वादे किए थे लेकिन कंपनी द्वारा अपने किए गए वादे पूरे नहीं किए जा रहा है।
आज रविवार को पईया चौर्मी के ग्रामीण एडिट साइड पर एकत्र हुए जिसके बाद ग्रामीणों ने कंपनी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की
स्थानीय ग्रामीण अजीत पाल रावत का कहना है कि एन टी पी सी द्वारा किए गए वादे आज तक पूरे नहीं किए गए है। स्थानीय लोगों को रोजगार देने की बात कंपनी द्वारा कि गई थी लेकिन स्थानीय लोगों को रोजगार नहीं दिया जा रह है।उन्होंने कहा कि अगर एन टी पी सी उनकी मांगे नहीं मानती है तो ग्रामीणों का आंदोलन आगे भी जारी रहेगा तथा उसके बाद ग्रामीणों द्वारा कंपनी के खिलाफ उग्र आंदोलन किया जाएगा।

अजीत पाल रावत स्थानीय निवासी ने कहा कि एनटीपीसी ने ग्रामीणों से रोजागर चारापत्ती को लेकर कई वायदे किये थे लेकिन कोई भी पूरा नही किया उन्होंने कहा कि जहां टनल बन रही है वहा की भूमि भी सुरक्षित नही है।

वही ग्राम प्रधान विमला देवी ने भी आरोप लगाते हुए कहा कि कम्पनियां अपनो लोकलुभावन वायदों से ग्रामीणों झूठे आश्वासन देते है और जब काम शुरू हो जाता है तो ग्रामीणों को उनके मांग के बजाय मुकदमे झेलने पड़ते है।

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