गोपेश्वर। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि केदारनाथ यात्रा में चमोली जिले के घोड़ा खच्चर संचालकों को भी तरजीह दी जाएगी। इस मामले में उन्होने जिलाधिकारी को न्यायालय में पुनर्विचार याचिका जल्द दाखिल करने के लिए कार्रवाई के निर्देश दिए।
चमोली जिले के घोड़ा खच्चर संचालकों को केदारनाथ यात्रा में लाइसेंस नहीं मिल रहे हैं। इसके चलते तमाम घोड़ा खच्चर संचालक लाइसेंस के लिए गुहार लगा रहे हैं। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चमोली के घोड़ा खच्चर संचालकों को भी केदारनाथ यात्रा में पूरी तरजीह दी जाएगी। इस मामले में महाराज ने रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी से बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि चमोली के घोड़ा खच्चर संचालकों को भी लाइसेंस दिए जाने चाहिए। महाराज ने बताया कि शासन में भी उन्होने इस मामले को लेकर अधिकारियों से बातचीत की। बताया गया कि केदारनाथ यात्रा में घोड़े खच्चरों की सीमा का भी प्रावधान है। इसके चलते चमोली के घोड़े संचालकों को अपेक्षित तौर पर लाइसेंस जारी नहीं हो पाए हैं। उन्होने कहा कि इस मामले को लेकर डीएम रूद्रप्रयाग को साफ तौर पर निर्देश दे दिए गए हैं कि यदि इसमें दिक्कत आ रही है तो तत्काल पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके लिए तत्काल पुनर्विचार याचिका के लिए पत्र तैयार कर शासन को भेजने के निर्देश दिए गए है ताकि शासन के स्तर से न्यायालय में पुनर्विचार याचिका जल्द दाखिल की जा सके। उन्होने कहा कि चमोली के घोडा खच्चर संचालकों के केदारनाथ यात्रा में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। उन्हें भी यात्रा में भागीदार बनाया जाएगा। इसलिए इस मामले में तत्काल पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी। इससे चमोली के घोड़ा खच्चर संचालकों को भविष्य में दिक्कतों का सामना नहीं करना पडेगा। महाराज ने कहा कि सरकार चमोेली के घोड़ा खच्चर संचालकों के साथ भी खडी है। इसलिए उनकी समस्या के जल्द निस्तारण की पहल की जा रही है।
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