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प्रचार-प्रसार के अभाव में पर्यटकों की नजरों से दूर चेनाप घाटी

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  • चेनाप घाटी में हिमलायी फूलों की 315 प्रजातियों के साथ ही जड़ी-बूटियों का है अनोखा संसार

गोपेश्वर। देश और दुनियां में पर्यटन को लेकर विशिष्ट पहचान रखने वाले चमोली में आज भी कई पर्यटक स्थल ययावरी और साहसिक पर्यटन के दीवनों की नजरों से दूर हैं। चमोली में ऐसे ही जोशीमठ ब्लॉक में स्थित चेनाप घाटी प्रचार-प्रसार के अभाव में अभी तक पर्यटकों की पहुंच से दूर है। हांलांकि यहां के उत्साहित युवाओं के प्रयास के बाद कुछ पर्यटक इस घाटी से रुबरु हुए हैं। लेकिन यहां अभी तक पर्यटन की दृष्टि से सरकार की ओर को कोई गंभीर प्रयास नहीं किये गये है। ऐसे में इस घाटी के दीदार से अभी भी कई लोग महरुम हैं।
चमोली जिले के भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र के जोशीमठ ब्लॉक मुख्यालय की ठीक सामने की पहाड़ी पर बसा है थैंग गांव! जिसे चेनाप की ट्रैकिंग के लिये बसे कैम्प के रुप में उपयोग किया जाता है। वनस्पति विशेषज्ञों के अनुसार इस घाटी में 315 प्रजाति के पुष्प हैं। ऐसे में इस घाटी को दूसरी फूलों की घाटी कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी। घाटी हिमालयी फूलों के साथ ही हिमालयी जड़ी-बूटियों का भी एक अनुपम संसार उपलब्ध हैं। थैंक गांव के दिलवर सिंह, धर्मेंद्र और प्रदीप सिंह ने बताया कि घाटी का प्रचार-प्रसार न होने से घाटी तक पहुंचने वाले पैदल मार्ग पर जहां यात्री सुविधाओं का अभाव है। वहीं सीमित लोगों तक ही इसकी जानकारी पहुंच सकी है। हालांकि वर्ष 2019 में ग्रामीणों के प्रयास से पर्यटन विभाग की ओर से घाटी को ट्रैकिंग ऑफ इयर के लिये चयनित किया था। लेकिन उच्च न्यायालय की ओर से बुग्याल क्षेत्रों में रात्रि प्रवास पर लगाई गई रोक के बाद से यह प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में है। जबकि यदि घाटी का प्रचार-प्रसार किया जाता है। तो स्थानीय युवाओं और ग्रामीणों को बेहतर रोजगार मिल सकता है।

कहां है चेनाप घाटी
चमोली जिले के जोशीमठ ब्लॉक के मुख्यालय के समाने स्थिति सोना शिखर के पर स्थित थैंग से करीब 18 किमी की दूरी पर उच्च हिमालयी क्षेत्र में 13 हजार फीट की ऊचांई पर स्थित है, फूलों की यह दूसरी घाटी चेनाप।

कैसे पहुंचे चेनाप घाटी
ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर जोशीमठ के समीप मारवाड़ी पुल से तीन दिनों की पैदल यात्रा कर चेनाप घाटी पहुंचा जा सकता है। यहां पहुंचने के लिए जोशीमठ से करीब 28 किमी की दूरी तय करनी होती है। जिसमें 10 किमी सड़क मार्ग तथा करीब 18 किमी पैदल दूरी है। ट्रैकिंग के मार्ग में दो पड़ाव हैं। पहले दिन मारवाडी से करीब आठ किमी की दूरी पर स्थित थैंग, दूसरे दिन थैंग गांव से छह किमी की दूरी तय कर धार खर्क तथा तीसरे दिन धार खर्क से चार किमी की दूरी तय कर चेनाप घाटी पहुंचते हैं।

अन्य दर्शनीय स्थल
घाटी में फूलों की विभिन्न प्रजातियां और मीलों फैले बुग्यालों के साथ ही स्वानू और नंदू ताल भी स्थित हैं। जबकि थैंग का ऐतिहासिक राज राजेश्वरी मां नंदा का मंदिर भी दर्शनीय है।