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लकड़ी के कच्चे पुल पर पैर फिसलने से नदी में बहे मां बेटे का शव बरामद,

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लकड़ी के कच्चे पुल पर पैर फिसलने से नदी में बहे मां बेटे का शव बरामद, पोस्टमार्टम की चल रही है कार्रवाई।

– यह हृदय विदारक खबर जनपद चमोली के विकास खंड देवाल की है जहां शुक्रवार को अपने घर पैदल जा रहे रामपुर हरमल गांव निवासी 38वर्षीय हेमा देवी व उनका पंद्रह वर्षीय बेटा प्रवीन पिंडर नदी पर बने लकड़ी के कच्चे पुल को पार करते हुए पैर फिसलने से नदी में बह गए थे।ग्रामीणों द्वारा इसकी दिए जाने पर राजस्व उपनिरीक्षक प्रमोद नेगी के नेतृत्व में राजस्व टीम घटनास्थल पर पहुंचे जहां ग्रामीणों की मदद से दोनों को नदी में खोजा गया। नदी के किनारे कुछ दूरी पर पत्थरों के बीच फंसी महिला को तो निकाल लिया गया था परंतु तबतक उसकी मृत्यु हो चुकी थी जबकि महिला के पुत्र का कहीं सूराग नहीं लगा तब तत्काल एसडीआरएफ को सूचना दी गई। एसडीआरएफ स्टेशन से अधिक दूरी और फिर देवाल से भी यहां का सफर पैदल होने के कारण एसडीआरएफ की टीम भी शुक्रवार देर शाम को ही घटनास्थल पर पहुंच पाई।

शनिवार सुबह से एसडीआरएफ के जवानों ने पिंडर नदी में सर्च करते हुए शनिवार देर शाम को पंद्रह वर्षीय प्रवीन का शव बरामद कर परिजनों और प्रशासन को सौंपा जिनका आज पोस्टमार्टम करने की कार्रवाई की जा रही है।इस घटना से संपूर्ण क्षेत्रवासियों में गहरी शोक की लहर छाई हुई है और शासन प्रशासन के खिलाफ घोर आक्रोश व्याप्त है इसलिए कि हम आपको बता दें इस दुखद हादसे की वजह शासन प्रशासन की घोर लापरवाही है।जिस स्थान पर यह लकड़ी का कच्चा पुल क्षेत्र के लोगों के द्वारा बनाया गया है इस जगह पर कभी मजबूत झूला पुल हुआ करता था लेकिन वह झूला पुल सन् 2013 की भयंकर आपदा में बह गया था और 2016 में इस जगह पर वैकल्पिक व्यवस्था कर ट्राली का निर्माण किया गया था लेकिन वह भी 2021 की बाढ बह गया जिसके बाद उसकी मरोमत भी नहीं की गई और तबसे आज तक सरकार ने इस स्थान पर पुल बनाने की स्वीकृति तो दी परंतु इसके निर्माण के लिए जिम्मेदारी से टेंडर प्रक्रिया की जरूरत नहीं समझी है शायद।जिस कारण लोग अपने द्वारा बनाए गए कच्चे पुल से ही जान हथेली पर रखकर आवागमन करने के लिए मजबूर हैं और जिसका बड़ा खामियाजा यहां के क्षेत्रवासियों को मां बेटे के दुखद मौत के रूप में भुगतना पड़ा है।देवाल निवासी एवं पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष महावीर सिंह बिष्ट ने पीड़ित परिवार को पचास लाख रुपए मुआवजा के रूप में सहायता दिए जाने की सरकार से मांग की है।