चमोली: उतराखण्ड राज्य निर्माण से वर्तमान समय तक बिना स्थायी राजधानी के चल रहा है और नेता सरकारें इसी विषय पर तेरे पाले मेरे पाले खेल रही है। 9 नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के मौके पर गैरसैण को जनपद बनाये जाने की घोषणा की जा रही है
हरीश पुजारी संयोजक बहुगुणा विचारमंच का कहना है कि गैरसैंण में अरबों-खरबों रुपये की लागत से राजधानी के भवन बनाये गए हैं, इसमें विधानसभा, सचिवालय, राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों, विधायकों व सरकारी कर्मचारियों के आवास भी निर्मित हैं, परन्तु सरकार गैरसैंण में राजधानी तो दूर जनपद की घोषणा तक करने को तैयार नहीं हैं।
कहने को तो यह ग्रीष्मकालीन राजधानी है, परन्तु आज शीतकाल में भी यहां सत्र आहूत करने के लिए कई माननीय विधायकगण तैयार ही नहीं हैं, क्योंकि यहां ठंड अधिक है, एक ओर भारतीय सेना के जवान -30℃ तक के तापमान में रहकर सीमा की रक्षा कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों का यह कृत्य क्षमा योग्य नहीं है।
9 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड राज्य सृजन के 22 वर्ष पूरे हो जायेंगे, हमारी सरकार से अपेक्षा है, इस पावन दिवस पर गैरसैंण तहसील को जनपद गैरसैंण का दर्जा दिलवाया जाए, ताकि आम जनता को यह इल्म रहेगा कि राजधानी तो ना सही जिला तो बना, और इस जनपद के बनने से अरबों-खरबों रुपये की लागत से जो इमारतें बनीं हैं, उनकी देखरेख तो होगी, वरना कुछ ही समय बाद भराड़ीसैण(गैरसैंण) खण्डहर में तब्दील हो जाएगा।।।।।
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