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सड़क नहीं होने से बीमार को डंडी कंडी में पहुंचाया अस्पताल

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सड़क नहीं होने से बीमार को डंडी कंडी में पहुंचाया अस्पताल
.ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के सेरा.तिवाखर्क गांव का मामला
.सड़क नहीं होने से ग्रामीण चार से पांच किमी चलते हैं पैदल

कर्णप्रयाः ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के सेरा.तिवाखर्क ग्राम पंचायत के लिए सड़क सुविधा नहीं है।जिसके चलते आज भी ग्रामीणों को पैदल ही अपने गांव तक पहुंचना पडता है। ग्रामीणांे के सामने सबसे बडी चुनौतियों तब सामने आ जाती हैं जब गांव में कोई बीमार,बुजुर्ग,घायल और गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित अस्पताल पहुंचाना। ग्रामीणों का कहना है कि सड़क स्वीकृत है लेकिन विभाग के पास निर्माण करने के लिए पैसा नहीं है। ऐसे में लोग चार से पांच किमी पैदल ही आवामन कर रहे हैं। सबसे अधिक दिक्कत किसी के बीमार पड़ने पर है। जिसे लोग डंडी कंडी में अस्पताल ले जाने को विवश हैं। शनिवार को एक महिला को ग्रामीणों ने डंडी कंडी में अस्पताल पहुंचाया।
सेरा.तिवाखर्क की

प्रधान हेमा बिष्ट ग्रामीण हुकुम सिंह आदि ने बताया कि गांव की करीब 52 वर्षीय धरमा देवी की तबीयत शुक्रवार रात से खराब हो रही थी जो शनिवार सुबह और भी बिगड़ गई। जिस पर शनिवार सुबह को युवाओं ने महिला को डंडी कंडी में मालकोट सड़क तक पहुंचाया। जिसके बाद महिला को उपचार को रानीखेत ले जाया गया। हुकुम सिंह ने बताया कि कालीमाटी एससी बस्तीए मालकोटए सेरा के लिए वर्ष2012 में 3 किमी सड़क की स्वीकृति मिली। दो साल पहले यहां विभाग ने पेड़ों का पातन भी कर दिया। बावजूद सड़क का निर्माण शुरू नहीं हो पाया। बताया कि ग्रामीणों ने 29 फरवरी 2020 को आंदोलन भी किया। तब विधायक ने दो माह का आश्वासन दिया। लेकन अब विभाग निर्माण के लिए बजट न होने की बात कह मामला लटका रहा है।
शासन में भेजा है इस्टीमेट

लोनिवि गैरसैंण के अधिशासी अभियंता एमएच बेड़वाल का कहना है कि सेरा.तिवाखर्क वाली सड़क के लिए दो करोड़ करीब का इस्टीमेट स्वीकृति के लिए शासन में भेजा गया है। साथ ही सड़क पर एक पुल भी बनना है। जिसके डिजायन स्वीकृति हेतु बीएचयू बनारस को भेजा गया है। धनराशि स्वीकृति मिलने पर की काम शुरू होगा।
फोटो फाइल 30केपीजी03रूबीमार महिला को डंडी कंडी में अस्पताल लाते सेरा.तिवाखर्क के ग्रामीण।