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भूकानून को लेकर जयदीप ट्रस्ट के तत्वाधान में आयोजति की गयी गोष्ठी

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राज्य में सशक्त भू-कानून बनाने को लेकर रविवार को जयदीप ट्रस्ट, जिला बार एशोसिएशन, महिला मंच और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े लोगों की ओर से रविवार को गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान भू-कानू की आवश्यकता और भू-कानून किये जाने वाले आवश्यक बदलावों को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान सभी लोगों की ओर से विषय विशेषज्ञों से राय लेकर सुक्षाव पत्र तैयार कर सरकार को दिये जाने को लेकर सहमति जताई।

जयदीप ट्रस्ट के सभागार में आयोजित गोष्ठी के दौरान बार एशोसिएशन के अध्यक्ष भरत सिंह रावत ने कहा कि भू-कानून के साथ ही 1956 के भूमि बंदोबस्त की निर्धारित प्रक्रिया के तहत प्रत्येक 20 वर्षों में किये जाने वाले भूमि बंदोबस्त को लेकर भी चर्चा की जानी चाहिए। जिसके आधार बंजर भूमि का डाटा तैयार कर कानून के तहत भूमिहीनों को भूमी उपलब्ध कराने को लेकर प्रावधान करने होंगे। साथ ही भूमि की खरीद फरोख्त में खरीदार के साथ विक्रेता के लिये नियमों की पाबंदी तैयार की जानी चाहिए। वहीं उन्होंने स्थाई निवास की व्यवस्था को समाप्त करते हुए 1950 से मूल निवास को आधार बनाने की बात कही।

 

अधिवक्ता संदीप रावत और मोहन पंत ने कहा वर्तमान भू-कानून में नगरीय क्षेत्र में भूमि विक्रय को लेकर सीमा की छूट जैसी विसंगतियों को दूर करने के लिये प्रावधान करने और पर्यटक और तीर्थस्थलों में बाहरी लोगों को भूमि विक्रय पर प्रतिबंध जैसे प्रावधान करने की बात कही। पूर्व विधायक कुंवर सिंह नेगी ने कहा कि सरकार को जिला स्तर पर राजस्व, कृषि, वन सहित भूमि संबंधित विभागों के विशेषज्ञों की कमेटी का गठन करने, वन पंचायतों को पूर्व की भांति राजस्व विभाग को दिये जाने और बंदोबस्त व्यवस्था को दुरुस्त करने पर जोर दिया। इस मौके पर पूर्व नगर पालिका अधिशासी अधिकारी शांति प्रसाद भट्ट, डा. योगेश घस्मना, किरन पुरोहित, चंद्रकला बिष्ट, सुशीला सेमवाल, शशि प्रभा, ऊषा रावत, ऊषा फरस्वाण, आशा नेगी, प्रमोद सेमवाल, जीतेंद्र सिंह, मनोज रावत आदि मौजूद थे।