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हाट गांव में हुए ध्वस्तीकरण पर अब राजनीतिक बहस, पूर्व केबिनेट मंत्री ने विधायक पर उठाए सवाल

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चमोली:  22 सितंबर को दसौली ब्लॉक के हाट गांव में टीएचडीसी कंपनी और प्रशासन की ओर से भवनों के ध्वस्तीकरण का मुद्दा लगातार गरमाता जा रहा है मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से छह सदस्यीय कमेटी विधायक बद्रीनाथ के नेतृत्व में गांव में पहुंची और परियोजना प्रभावितों से वार्ता की इस दौरान विधायक ने ग्रामीणों के भवनों के ध्वस्तीकरण और धार्मिक स्थलों के ध्वस्तीकरण को प्रशांसन ओर टीएचडीसी की कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, ग्रामीणों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर वार्ता करते हुए विधायक की तरफ से शासन स्तर पर 20 बिंदुओं पर टीएचडीसी कम्पनी पर प्रशांसन से मांग रखी है,  वही  ग्रामीणों के हितों की मांग किए जाने का आश्वासन दिया है बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट का कहना है कि परियोजना देश के विकास में अहम है

 

लेकिन इसके लिए प्रभावित ग्रामीणों के हक हकूकों का भी ख्याल रखा जाना अति आवश्यक है उन्होंने कहा कि बिना मुआवजे लिए ग्रामीणों के भवन ध्वस्तीकरण किए गए हैं उन्हें शैक्षिक वरीयता के अनुसार टीएसडीसी में एक परिवार से एक व्यक्ति को रोजगार दिया जाए धार्मिक स्थलों के निर्माण के लिए कंपनी जिम्मेदारी लें और जो भी वाहन कंपनी में अनुबंधित है उनके साथ किसी भी तरह के जोर जबरदस्ती न की जाए इस तरह की मांगों को लेकर जल्द मुख्यमंत्री से 8 गांव के परियोजना प्रभावित होती मुलाकात करवाने की बात कह

वही उपरोक्त मामले में पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी ने बद्रीनाथ विधायक पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरा प्रशासन सत्ता के अंतर्गत काम करता है प्रशासन और टीएचडीसी द्वारा बर्बरता पूर्वक गांव के उन लोगों के भवन ध्वस्त किए गए जिन्होंने कंपनी से ₹1 भी मुआवजा नहीं लिया है

और बद्रीनाथ विधायक चाहते तो ग्रामीणों के साथ हुए कृत्य को रोक सकते थे उन्होंने बद्रीनाथ विधायक महेंद्र भट पर आरोप लगाते हुए कहा कि शासन और प्रशासन की मिलीभगत के चलते हाट गांव के लोगों के भवनों का ध्वस्तीकरण किया गया है और अब राजनीतिकरण करने के लिए बद्रीनाथ विधायक गांव में उजड़े हुए घरों के पास जाकर लोगों को सांत्वना देते हैं जबकि इन घरों को उजाड़ने में कहीं ना कहीं शासन  जिम्मेदार रहा है।