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जोशीमठ: जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने एक बार फिर से जोशीमठ आपदा प्रभावितो की समस्या को लेकर पत्रकार वार्ता की । उन्होंने कहा कि जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने 1 मार्च 2024 को विस्थापन पुनर्वास एवम जोशीमठ के विभिन्न मुद्दों पर राज्य के मुख्य सचिव एवम आपदा प्रबन्धन के सचिव से बद्रीनाथ विधायक श्री राजेंद्र भण्डारी जी के नेतृत्व में मुलाकात की है । जिसमें कुछ मुद्दों पर स्थिति साफ हुई है कुछ पर सहमति बनी है और कुछ मुद्दों पर वार्ता जारी रहेगी ।
इसके साथ हमारा संकल्प कि, जब तक जोशीमठ के प्रत्येक नागरिक के साथ न्याय नहीं हो जाता, हमारा संघर्ष जारी रहेगा, हम पुनः दोहराना चाहते हैं ।
साथियों जोशीमठ बचाओ संघर्ष समीति की शुरुआत से ही यह सोच और मांग रही कि जोशीमठ के लोगों का पुनर्वास, जोशीमठ के ही आस पास के दायरे में किया जाए । और आप जानते हैं कि इसीलिए सरकार द्वारा पूर्व में मायापुर पीपलकोटी ढाक आदि वाले प्रस्तावों को हमने सिरे से खारिज किया । जिसका परिणाम कि सरकार को इन प्रस्ताव से पीछे हटना पड़ा।
अब सरकार द्वारा गौचर के पार बमोथ के प्रस्ताव को भी हमने उसी दिन जिस दिन यह रखा गया सिरे से खारिज किया ।
इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा वितरित विकल्प पत्रों पर भी हमने सख्त स्टैंड लिया ।
साथ ही जोशीमठ के लोगों की आजीविका, व्यवसाय कृषि, परम्परागत हक अधिकार और आस्था विश्वाश के अक्षुण्ण रखे जाने , हितों की सुरक्षा पर भी हमारा स्पष्ट मत रहा है ।
इसके अलावा 8 अप्रैल को जिन 11 बिन्दुओं पर संघर्ष समीति और मुख्यमंत्री उत्तराखंड की सहमति बनी थी, उनपर भी हम लगातार दवाब बनाए रहे ।
साथियों इस प्रेस वार्ता के द्वारा हम आपसे साझा करना चाहते हैं कि मुख्यसचिव और आपदा प्रबन्धन के सचिव के साथ वार्ता में इन सभी और ज्ञापन के सभी बिन्दुओं पर विस्तार से बात हुई ।
जिसमें निम्न बिन्दुओं पर स्पष्ट सहमति बनी है ..

1 . जोशीमठ के लोगों को जोशीमठ के ही आस पास पुनर्वास किया जाएगा । इसके लिए हमसे भूमि के सुझाव आपदा प्रबन्धन सचिव द्वारा मांगे गए । जो पूर्व में आम सहमति से सुझाव हमको मिले थे , हमने सचिव साहब को दिए । जिस पर उन्होंने शीघ्र कार्यवाही का भरोसा दिया ।
आज जो जानकारी तहसील से मिली है उसमें बताया गया कि हमारे दिए प्रस्तावों पर रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है ।
2 . सरकार द्वारा सर्वेक्षण के नाम पर जो आधे अधूरे विकल्प पत्र बांटे गए थे , सचिव साहब ने वे विकल्प पत्र वापस करने पर सहमति दी । साथ ही नए विकल्प पत्र, जिनमें लोगों की आजीविका,व्यवसाय, कृषि , परम्परागत हक अधिकार, आस्था विश्वास के , सामाजिक सामुदायिक हित से जुड़े विकल्प भी शामिल करने पर सहमति बनी । जिसके निर्देश तत्काल उपजिलाधिकारी को दिए हैं ।
3 . प्रभावितों की भूमि के मूल्य पर भी तत्काल कार्यवाही का आश्वासन मिला है ।
4 . जिन लोगों का भवन है परंतु भूमि नाम पर नहीं है, उनके लिए भूमि उपलब्ध कराने पर सहमति बनी है ।
5 . होम स्टे को व्यावसायिक श्रेणि से हटाने पर कुछ शर्तों के साथ सहमति बनी है ।
6 . व्यावसायिक भवनों के स्लैब को लेकर , स्लैब में परिवर्तन पर बात हुई है , किंतु हम स्लैब पूरी तरह हटाने के अपने स्टैंड पर रहेंगे ।
7 . परम्परागत भवनों, टीन शेड, कच्चे भवन के मूल्य तुरन्त घोषित होने पर सहमति बनी है।
8 . राजीव आवास और प्रधानमंत्री आवास के भवनों का तुरंत भुगतान किए जाने पर सहमति बनी है ।
9 . जिन लोगों का जोशीमठ में व्यवसाय, होटल, दुकान आदि है , उनके लिए जोशीमठ के पास जहां पुनर्वास हो वहां इसकी व्यवस्था बनाई जाए इस पर सहमति बनी है ।
10 . असुरक्षित क्षेत्र की कृषि भूमि पर , जो उसका मूल्य चाहते हैं उन्हें मूल्य और जो स्वयं के स्वामित्व में रखना चाहते हैं , वे रख सकेंगे , इस पर सहमति बनी है ।
साथियों इसके अतिरिक्त अभी कुछ बिन्दुओं पर हमारा दवाब रहेगा । मुख्यमंत्री के साथ बनी सहमति के कुछ हाल न हुए बिन्दुओं पर और जो नई परिस्थिति में नए सवाल लोगों के सामने आएंगे । जिसमें प्रमुख रूप से
लोगों को हुए नुकसान के मुआवजे पर मुख्यमंत्री की सहमति के बावजूद अभी निर्णय नहीं हुआ है ।
बेनाप भूमि, केसरहिंद भूमि और सेना वाली भूमि पर कोई निर्णय नहीं हुआ है । जिसपर संघर्ष समीति का कहना था कि स्थानीय स्तर पर बंदोबस्ती कर यह भूमि लोगों के खाते में दर्ज हो, जिस पर लोग लंबे समय से काबिज हैं ।
जोशीमठ के स्थिरीकरण को लेकर भी हमारी विस्तृत बातचीत हुई है । इस पर सचिव आपदा ने शीघ्र कार्य शुरू करने की बात कही है ।किंतु गुणवत्ता पूर्ण पारदर्शी कार्य, जिससे जोशीमठ की स्थिरता सुनिश्चित हो, इस पर हमारी निगाह रहेगी ।
इसके साथ ही जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति यह भी कहना चाहती है कि हमने जनता के सहयोग समर्थन और एकजुटता के बदौलत अपने आन्दोलन में कुछ सफलता हासिल की है और शेष के लिए संघर्ष जारी रहेगा। साथ ही अपने आन्दोलन के लंबे अनुभव से हम जानते हैं कि सड़क की लड़ाई और सरकार और उसके प्रतिनिधियों से सतत वार्ता आन्दोलन के ही अलग अलग रूप हैं । हम इन दोनों को साथ साथ लेकर अपने लक्ष्य में सफल होंगे । किंतु इसके लिए जनता की एकजुटता और आपसी सौहार्द प्रथम शर्त है । जिसके न रहने पर सरकार को बच निकलने का अवसर मिलता है , जिसका खामियाजा अंततः जनता को ही भुगतना पड़ता है ।
इसलिए हम समिति की ओर से सभी जोशीमठ की जनता से एकजुटता और सौहार्द बनाए रखने की अपील और अपेक्षा करेगें ।