चमोलीः विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर दशोली ब्लॉक के पिलंग गांव में भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में पर्यावरण को लेकर और पर्यावरण में हो रहे बदलाव इसकेे सरंक्षण में ग्रामीणों की भूमिका पर चर्चा की गई।
रविवार को देश भर में पर्यावरण दिवस के अवसर पर अलग अलग जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। पिलंग गांव में आयोजित कार्यक्रम का शुभारम्भ पूर्व प्रमुख दशोली नन्दन सिंह बिष्ट और पुर्व प्रमुख जोशीमठ प्रकाश रावत ने किया। कार्यक्रम में महिला मंगल दलों और क्षेत्र के सरपंचों ने भाग लिया इस दौरान महिला मंगल दल के संगठनों ने पर्यावरण को बचाने के लिए उनके द्वारा किये गये प्रयासों को बताया गया और वर्तमान समय में किस तरह से लोग पर्यारण और इसके सरंक्षण से विमुख हो रहे हैं। वहीं मुख्य अतिथि के रूप में रहे पूर्व प्रमुख नन्दन सिंह बिष्ट ने बताया कि पूर्वजों द्वारा बसाये गांवों में पानी के प्राकृतिक स्रोत हेाते हैं जो वर्तमान समय में पर्यावरणीय परिवर्तन के चलते समाप्त होते जा रहे हैं लेकिन पिलंग गांव की महिला मंगलदल, युवाओं ने एक मिशाल पेश की है गांव के प्राकृतिक स्रोत के सरंक्षण के लिए गांव में मौजूद प्राकृतिक जल स्रोत के आस पास 5सौ से अधिक पौध रोपण किये जो वर्तमान समय मैं तैयार हो गई हैं, जिससे प्राकृतिक जल स्रोत रिचार्ज होगा।
वहीं प्रभागीय वन अधिकारी इन्द्र सिह नेगी ने कहा कि किसी योजना के धरातल पर क्रियान्वयन के लिए ग्रामीणों की सहभागिता अहम होती हैं। पर्यावरण के सरंक्षण में भी महिलाओं और स्थानीय लेागों की भूमिका अहम है, उन्होंने चिपको नेत्री गौरादेवी की मिशाल पेश करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड की महिलाऐं पर्यावरण के लिए अपनी जान की बाजी लगा सकती है । वर्तमान समय में लगातार पर्यावरण के सरंक्षण का विषय बहुत ही गम्भीर बना हुआ है। जिसके लिए समस्त लोगों को एक जुट होकर इस पर कार्य करने की आवश्यकता हें इस मौके पर ग्राम प्रधान मंयक पंत, नयन कुवर, राजेन्द्र फर्स्वाण, शिव प्रसाद डिमरी, शंकर सिंह आदि मौजूद रहे।
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