Home उत्तराखंड धनुष तोड़ जीता स्वयंवर, राम की हुई सीता

धनुष तोड़ जीता स्वयंवर, राम की हुई सीता

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शिव धनुष तोड़ सीता हुई राम की,परशुराम लक्ष्मण संवाद देखने देर रात तक जुटे रहे दर्शक

जोशीमठ विकासखंड के उर्गम घाटी के अरोसी
/ग्वाणा गणेश रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला के चौथे दिन के प्रसंगों में सीता स्वयंवर व परशुराम लक्ष्मण संवाद सहित विभिन्न दृश्यों को मंचित किया गया रामलीला के प्रति आस्था का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इन दिनों पहाड़ों में रात्रि को ठिठुरन वाली ठंड के बाबजूद भी अरोसी, ग्वाणा, भर्की, पिलखी के ग्रामीण भारी संख्या में रामलीला देखने पहुंचे।
रामलीला के प्रसंग में जनक के संकल्प के अनुसार भगवान शिव के पुराने धनुष को जो तोड़ेगा उसी के साथ सीता का विवाह होगा। इस प्रतिज्ञा पर देश देश के राजा महाराजा धनुष तोड़ने आते हैं। पर असमर्थ हो जाते हैं। महाबलि लंकापति रावण और बाणासुर भी इस स्वयंवर में आते हैं। रावण धनुष तोड़ने का प्रयास करता है लेकिन तब तक रावण को आकाशवाणी होती है कि तेरी बहिन कुम्भिका को मधुदेत्य राक्षस चुरा ले गया है । रावण तुरन्त लंका वापस आ जाता है। इस लिए रावण धनुष तोड़ने मेंअसफल हो जाता है। गुरु विश्वामित्र की आज्ञानुसार भगवान धनुष तोड़ते हैं संकल्प के अनुसार प्रतिज्ञा पूरी होने पर भगवान राम और सीता जी एक दूसरे पर वरमाला डालने कर परिणय सूत्र में बंधते हैं । तभी शिव भक्त परशुराम जी जनक के दरबार में आते हैं और अपने गुरु का धनुष का खंड खंड हुये देख कर क्रोध में आ जाते हैं। पहले राम और परशुराम का संवाद और फिर परशुराम के क्रोध को देखकर लक्ष्मण का क्रोधित होना परशुराम और लक्ष्मण के सुन्दर आकर्षक अभिनय और जोर दार संवाद ने दर्शकों को बांधे रखा । राम , लक्ष्मण , सीता , परशुराम , जनक , सुनैना , विश्वामित्र समेत सभी पात्रों ने अपने अभिनव से दर्शकों को खूब लुभाया, जिस पर कलाकारों के अभिनय पर दर्शकों ने तालियों की गडगड़ाहट से कलाकारों का उत्साह वर्धन किया । रामलीला के मुख्य अतिथि अध्यक्ष मेला कमेटी भर्की हर्ष वर्धन फस्वाण , मंजू देवी प्रधान भरकी आदि थे। इस अवसर पर महिला मंगल दल अध्यक्षा मंजू चौहान,युवक मंगल दल अध्यक्ष किसन नेगी, गणेश रामलीला अध्यक्ष मातवर चौहान आदि ने मुख्य अतिथियो स्वागत किया। कमेटी के बरिष्ठ साथी रघुबीर चौहान व लक्ष्मण पंवार ने बताया कि यहां पर ये ग्यारहवी रामलीला है। इस बार पांच साल बाद इस महायज्ञ का आयोजन किया गया। इस महायज्ञ में संगीत मास्टर दर्शन चौहान तवला वादक धर्मेन्द पंवार सहयोग कर रहे है।