ग्वालदम-थराली-कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग वाहनों की आवाजाही के खुल गया है। विगत दिनों मूसलाधार बारिश के कारण कर्णप्रयाग-ग्वालदम मोटर मार्ग हरमनी, लोल्टी, मींग गधेरा, आमसौड, थराली तिराहा सहित कई स्थानों पर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। बीआरओ ने रातदिन कडी मशक्कत के बाद मंगलवार सुबह पूरे मोटर मार्ग पर यातायात सुचारू कर दिया है। कर्णप्रयाग-गैरसैंण तथा गोपेश्वर-मण्डल-चोपता मोटर मार्ग यातायात के लिए खुले है। जबकि कर्णप्रयाग-बद्रीनाथ मोटर मार्ग पर कर्णप्रयाग के निकट पहाडी से भारी मलवा व वोल्डर आने से आज सुबह मार्ग अवरूद्व हुआ है जिसे खोलने का कार्य युद्वस्तर पर जारी है। यहां पर फिलहाल कर्णप्रयाग-पोखरी- बामनाथ-गोपेश्वर मोटर मार्ग से यातायात सुचारू है।
दो दिनों से बारिश थमने के बाद नदियों का जल स्तर सामान्य होने लगा है। जिले की प्रमुख नदियों में अलकनन्दा नदी का जल स्तर खतरे का निशान 957.42 मी0 के सापेक्ष 954.30 मी0, नन्दाकिनी नदी का जल स्तर खतरे का निशान 871.50 मी0 के सापेक्ष 867.35 मी0 तथा पिण्डर नदी का जल स्तर खतरे का निशान 773.00 मी0 के सापेक्ष 769.30 मी0 पर बह रही हैं। मंगलवार को केवल तहसील गैरसैंण में 9.00 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई। नारायणबगड, देवाल तथा थराली में 7 विद्युत पोल क्षतिग्रस्त होने से क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाधित है। वही जोशीमठ ब्लाक के मलारी क्षेत्र में भी विद्युत लाईन क्षतिग्रस्त होने से विद्युत बाधित है। विद्युत विभाग लाईन को ठीक करने में जुटा है। कर्णप्रयाग में तीन गांवों को छोडकर जिले में सभी जगह पेयजल आपूर्ति सुचारू है।
ग्वालदम-थराली-कर्णप्रयाग राष्ट्रीय राजमार्ग वाहनों की आवाजाही के खुल गया है। विगत दिनों मूसलाधार बारिश के कारण कर्णप्रयाग-ग्वालदम मोटर मार्ग हरमनी, लोल्टी, मींग गधेरा, आमसौड, थराली तिराहा सहित कई स्थानों पर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। बीआरओ ने रातदिन कडी मशक्कत के बाद मंगलवार सुबह पूरे मोटर मार्ग पर यातायात सुचारू कर दिया है। कर्णप्रयाग-गैरसैंण तथा गोपेश्वर-मण्डल-चोपता मोटर मार्ग यातायात के लिए खुले है। जबकि कर्णप्रयाग-बद्रीनाथ मोटर मार्ग पर कर्णप्रयाग के निकट पहाडी से भारी मलवा व वोल्डर आने से आज सुबह मार्ग अवरूद्व हुआ है जिसे खोलने का कार्य युद्वस्तर पर जारी है। यहां पर फिलहाल कर्णप्रयाग-पोखरी- बामनाथ-गोपेश्वर मोटर मार्ग से यातायात सुचारू है।
दो दिनों से बारिश थमने के बाद नदियों का जल स्तर सामान्य होने लगा है। जिले की प्रमुख नदियों में अलकनन्दा नदी का जल स्तर खतरे का निशान 957.42 मी0 के सापेक्ष 954.30 मी0, नन्दाकिनी नदी का जल स्तर खतरे का निशान 871.50 मी0 के सापेक्ष 867.35 मी0 तथा पिण्डर नदी का जल स्तर खतरे का निशान 773.00 मी0 के सापेक्ष 769.30 मी0 पर बह रही हैं। मंगलवार को केवल तहसील गैरसैंण में 9.00 एमएम वर्षा रिकार्ड की गई। नारायणबगड, देवाल तथा थराली में 7 विद्युत पोल क्षतिग्रस्त होने से क्षेत्र में विद्युत आपूर्ति बाधित है। वही जोशीमठ ब्लाक के मलारी क्षेत्र में भी विद्युत लाईन क्षतिग्रस्त होने से विद्युत बाधित है। विद्युत विभाग लाईन को ठीक करने में जुटा है। कर्णप्रयाग में तीन गांवों को छोडकर जिले में सभी जगह पेयजल आपूर्ति सुचारू है।