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शिक्षकों की तैनाती पूरी न होने तक बच्चो को स्कूल नही भेजने का फैसला

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चमोली: दसौली ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय सेंडुंगरा में शिक्षकों की नियुक्ति की मांग पूरी ना होने पर अभिभावक संघ और अभिभावकों ने अपने बच्चों को तब तक स्कूल न भेजने का फैसला लिया है जब तक कि स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति पूरी नहीं हो जाती है।

पूरे देश में उत्तराखंड नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला प्रदेश बना है लेकिन शिक्षा को लेकर्णधरातल पर हकीकत कुछ और है दसौली ब्लॉक के सेंडुंगरा गांव का स्कूल इन दिनों खाली पड़ा है इस स्कूल में दरवाजे तो खुले मिलेंगे लेकिन यहां पर पठन-पाठन करने वाले छात्र छात्राएं स्कूल में नहीं है । अभिभावक अपने बच्चे के भविष्य को लेकर उसे हर रोज स्कूल भेजना चाहता है। उसके भविष्य को लेकर चिंतित रहता है लेकिन सेमझूंगरा स्कूल में पढ़ने वाले बच्चो के अभिभावकों ने अपने बच्चों को स्कूल न भेजने का निर्णय लिया है।
आपको बताते हैं कि उन्होंने ऐसा निर्णय क्यों लिया अभिभावक संघ के राजदीप फर्स्वाण का कहना है कि विगत 3 वर्षों से स्कूल एकल शिक्षक के भरोसे चल रहा है स्कूल में लगभग 30 बच्चे पढ़ते हैं और इस स्कूल में लगभग 3 ग्राम पंचायतें शामिल है जिलाधिकारी शिक्षा अधिकारी से कई बार अपने बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावक कौन है पत्राचार किया गुहार लगाई लेकिन वर्तमान समय में भी स्थिति जस की तस बनी हुई है ऐसे में अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल न भेजने के निर्णय तक पहुंच चुके हैं अभिभावकों का कहना है कि अगर प्रशासन की ओर से यहां पर शिक्षकों की कमी को पूरा नहीं किया जाता है तो तब तक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे। समस्त ग्रामवासियों ने उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है। इस मौके पर राजदीप फर्स्वाण पूर्व छेत्र पंचायत सदस्य। सुलोचना देवी :अद्ययक्ष पीटीए राजेन्द्र सिंह ग्राम प्रधान आदि मौजूद रहे।