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भगवान राम की अयोध्या वापसी पर मंदिर के ‘भूमि पूजन’ को दिवाली जैसे उत्सव के रूप में मनाने की तैयारी

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तैयारी ऐसी जैसी भगवान राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे

नई दिल्ली, एएनआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वरिष्ठ गणमान्य लोगों के साथ अयोध्या में भगवान राम मंदिर का ‘भूमि पूजन’ करने वाले हैं। इस मौके को प्रकाश पर्व यानी दिवाली की तर्ज पर बनाए जाने की तैयारी चल रही है। दिवाली के मौके पर देश भर के मंदिरों और घरों में दीए और मोमबत्तियां जलाई जाती हैं। आपको बता दें कि राम मंदिर के निर्माण के लिए ‘भूमि पूजन’ या भूमि पूजन समारोह के मौके पर वर्षों के इंतजार के बाद भगवान राम की जन्मभूमि पर उनकी सही वापसी कह सकते हैं। राम मंदिर के निर्माण से पहले और ‘भूमि पूजन’ के दौरान, अयोध्या में हर मंदिर और घर को दीया और मोमबत्तियों से रोशन करने की योजना है। सही वैसे जिस दिन भगवान राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

सूत्रों के मुताबिक सिर्फ अयोध्या ही नहीं, बल्कि सभी से अपील की जाएगी कि वे विशेष अवसर को चिह्नित करने के लिए शारीरिक दूरी की सावधानियों को सुनिश्चित करने के लिए अपने आसपास के घरों और धार्मिक स्थलों जैसे मंदिरों को रोशन करें। इस बीच, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में ‘भूमि पूजन’ की तैयारियों का जायजा ले रहे हैं। सूत्रों ने यह भी कहा है कि COVID-19 की वर्तमान स्थिति को ध्यान में रखते हुए, लगभग 200 निमंत्रण भेजे जा रहे हैं।

वीएचपी के वरिष्ठ अधिकारी और महासचिव मिलिंद परांडे ने एएनआई को बताया कि इस आयोजन में लाखों और करोड़ों लोग भाग लेते, लेकिन कोरोना काल में यह संभव नहीं है। परांडे ने कहा कि मंदिरों और घरों सहित पूरे अयोध्या को फूलों और दीयों और रोशनी से सजाया जाएगा। यह सभी हिंदुओं के जीवन में एक ऐतिहासिक पल है। मंदिर निर्माण एक लंबी लड़ाई के बाद शुरू हो रहा है। हर घर में दीया जलाना होगा। अगर यह COVID-19 के प्रसार के समय नहीं होता, तो लाखों और करोड़ों लोग इस भव्य आयोजन में भाग लेते।

पुजारी और संतों को संबंधित मंदिरों में सुबह 10:30 बजे से पूजा शुरू कर देनी है। विहिप ने लोगों से अपील की है कि वे अपने-अपने टीवी स्क्रीन पर भूमिपूजन समारोह देखें, शाम के समय अपने घरों में दीए जलाने की व्यवस्था करें।

उन लोगों के अनुसार जिन्होंने भगवान राम के जन्मस्थान के रूप में रामलला को अपनी महिमा और मंदिर में पुनर्स्थापित करने के लिए लड़ाई का नेतृत्व किया कि यह लड़ाई सालों की नहीं दशकों की है। भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने रथयात्रा का नेतृत्व किया, जिसमें कार सेवक राम मंदिर के लिए भूमि का दावा करने के लिए भाग लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल 9 नवंबर को केंद्र सरकार को राम मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में स्थल सौंपने का निर्देश दिया था। प्रधानमंत्री ने 5 फरवरी को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए एक ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी। अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की देखरेख के लिए केंद्र सरकार द्वारा 15 सदस्यीय राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट को अनिवार्य किया गया है।