कर्णप्रयागः आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर चमोली जिले कर्णप्रयाग सीट सबसे रोचक बनती जा रही है। यहां भारतीय जनता पार्टी में लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक कार्यकर्ताओं ने टिकट की दावेदारी कर दी है।
बीओ1. कर्णप्रयाग विधानसभा सीट पर वर्तमान भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह नेगी के अस्वस्थ होने के चलते भाजपा में टिकट के दावेदारो की लंबी फेहरिस्त से प्रदेश नेतृत्व की भी चिंता बढ़ सकती है क्योंकि यहां दावेदारों की संख्या अन्य विधानसभाओं की अपेक्षा बहुत अधिक हो रही है इतना ही नहीं यहां इसबार जातीय समीकरण भी जीत के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा है। कर्णप्रयाग विध्णान सभा से 2022 को लेकर अभी तक अरुण मैठाणी दावेदार टीका प्रसाद मैखुरी पंकज डिमरी मनोज सिंह, आशीष थपलियाल, रामचन्द्र गौड ने अब खुल कर अपनी दावेदारी पेश कर दी है। अभी भी कई ऐसे दावेदार है जो दबे स्वर में दावेदारी पेश कर रहे हैं, पिछले कुछ समय से कर्णप्रयाग विधान सभा में भाजपा के राष्टीय मीडिया टीम के सदस्य सतीश लखेडा और संघ में मजबूत पैठ रखने वाले रमेश गडिया ने कर्णप्रयाग विधान सभा में अपनी सक्रियता से हलचल मचा दी है।
कर्णप्रयाग विधानसभा सीट पर एक मुश्किल भारतीय जनता पार्टी के सामने यह भी आने वाली है कि यहां पैराशूट प्रत्याशियों के कर्णप्रयाग विधान सभा में हलचल के बाद स्थानीय स्तर पर जनता के बीच रहने वाले पार्टी के कार्यकर्ता और 2022 विधान सभा चुनाव के लिए पार्टी से टिकट की दावेदारी करने वाले सभी प्रत्याशियोें ने अपनी अपनी दावेदारी पेश की है, पार्टी में जहां बगावत होने के आसार नजर आ रहे हैं वहीं इससे कार्यकर्ताओं में अंतर्कलह होने से बगावत होने की भी सम्भावना दिख रही है। टिकट के दावेदारों की पार्टी से मांग है कि स्थानीय कार्यकर्ताओं को ही टिकट दिया जाना चाहिए जो पार्टी के लिए वर्षों से काम कर रहे हैं। 022 के लिए दो बार के विधायक रहे अनिल, भाजपा नेता सतीश लखेड़ा , एवीबीपी के पूर्व क्षेत्र संगठन मंत्री रमेश गाड़िया समेत डेढ़ दर्जन दावेदार कर्णप्रयाग से टिकट की मांग कर रहे हैं।
चमोली जिले में कर्णप्रयाग विधानसभा सीट अन्य सीटों से इसलिए भी हॉट है क्योंकि ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के साथ साथ कर्णप्रयाग विधानसभा की लहर से बद्रीनाथ और थराली विधानसभा पर भी प्रभाव पड़ता है। ऐसे में भाजपा को न सिर्फ टिकट का बंटवारा बल्कि ऐसे प्रत्याशी का भी चयन करना होगा जो पार्टी और जनता की कसौटी पर खरा उतर सके।
2022 के लिए दो बार के विधायक रहे अनिल, भाजपा नेता सतीश लखेड़ा , एवीबीपी के पूर्व क्षेत्र संगठन मंत्री रमेश गाड़िया समेत डेढ़ दर्जन दावेदार कर्णप्रयाग से टिकट की मांग कर रहे हैं।
चमोली जिले में कर्णप्रयाग विधानसभा सीट अन्य सीटों से इसलिए भी हॉट है क्योंकि ग्रीष्मकालीन राजधानी होने के साथ साथ कर्णप्रयाग विधानसभा की लहर से बद्रीनाथ और थराली विधानसभा पर भी प्रभाव पड़ता है। ऐसे में भाजपा को न सिर्फ टिकट का बंटवारा बल्कि ऐसे प्रत्याशी का भी चयन करना होगा जो पार्टी और जनता की कसौटी पर खरा उतर सके।