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डाकपाल पदों पर हुए चयन को निरस्त करने की उका्रंद ने उठाई मांग

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चमोलीः जिला मुख्यालय गोपेश्वर में उत्तराखंड क्रांतिदल ने डाकविभाग में बाहरी प्रदेशों (झारखंड और बिहार) से हुई डाकपाल के चयन का विरोध करते हुए धरना प्रदर्शन किया, और चेतावनी दी कि बाहरी प्रदेशों से समूह ग और समूह घ में चयन का विरोध किया जायेगा। उत्तराखंड क्रांतिदल ने उत्तराखंड में डाकसेवक पदों पर हुई चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्वतीय राज्य है और यहां की सबसे बडी समस्या पलायन है जो कि केवल रोजगार की अवसर न होने के कारण सर्वाधिक हो रहा है। और उत्तराखण्ड में अगर समूह ग और घ में भी अगर बाहरी प्रदेशों से युवाओं का चयन होगा तो यहां के युवाओ का भविष्य अंधकार मय होगा। उन्होंने कहा कि डाकविभाग हो या कोई भी अन्य विभाग बाहरी प्रदशों से अगर उत्तराखण्ड राज्य में सरकारें अपनी मनमानी करते हुए चयन करेगी तो वे किसी को भी यहां पर काम नहीं करने देंगे।

उत्तराखण्ड में सृजित रोजगार पर सबसे पहला हक उत्तराखंडियों का है। यहां के युवाओं के हक की लडाई के लिए वे पूरे उत्तराखण्ड में आंदोलन करंेगे। भाजपा और कांगे्रस के नेताओं ने कभी उत्तराखंड के जनमानस का हित नहीं चाहा बल्कि अपनी राजनीति महत्वकांक्षा के लिए यहंा के जनमानस के हितों पर कुठाराघात किया। उत्तराखंड क्रांति दल के कार्यकर्ताओं ने चमोली , रुद्रप्रयाग जिले गांवों में बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश के लोगों की डाकपाल डाकिया के पदों में हुई नियुक्ति का विरोध करते हुये मुखाय डाकघर पर प्रदर्शन कर धरना दिया । यू के डी ने इस सम्बंध में डाक अधीक्षक के माध्यम से प्रधान मंत्री को ज्ञापन भेजा। जिसमें मांकी गयी है जो नियुक्तियां हुयीं हैं ।उन्हे स्थान पर कोरोना काल में जो प्रवासी घर लौटे हैं उनकी तैनाती इन पदों पर की जाय । यू के डी ने ऐलान किया है कि वह इन पदों पर बाहरी लोगों को ज्वाइंनिग नहीं करने देगी ।
धरना प्रदर्शन में यूकेडी के केंद्रीय महामंत्री किशन सिंह रावत, जिलाध्यक्ष अरूण शाह, सत्य प्रकाश सती, सतीश सेमवाल, महिपाल फरस्वाण, भगत सिंह सुरेंद्र सिंह आदि शामिल थे ।