चमोली -आपातकाल में जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानी आश्रितों को भी मिलेगी पेंशन।
राज्य सरकार ने इसका आदेश किया जारी। राज्य सरकार ने आपातकाल के दौरान मीसा (मेंटनेंस आफ इंटरनल सिक्योरिटी एक्ट) व डीआइआर (डिफेंस आफ इंडिया रूल) के तहत जेल गए लोकतंत्र सेनानियों की विधवा पत्नी अथवा विधुर पति को भी ‘लोकतंत्र सेनानी सम्मान पेंशन’ दिए जाने की स्वीकृति प्रदान कर दी है। जिला कार्यायल के प्रभारी अधिकारी चंदन सिंह बनकोटी ने बताया कि आपातकालीन अवधि (दिनांक 25.05.1975 से दिनांक 21.03.1977) में मीसा/डी.आई.आर में कई लोगों के कारागार में राजनैतिक बंदी के रूप में रहने तथा जो अब दिवंगत हो चुके है उनके आश्रितों को ‘लोकतंत्र सेनानी सम्मान पेंशन’ दी जाएगी। राज्य सरकार ने इसके आदेश जारी कर दिए है। उत्तराखंड में लोकतंत्र सेनानियों को पेंशन और अन्य सुविधाएं देने के संबंध में 17 जनवरी, 2018 को सरकार ने आदेश जारी किया था। आदेश के अनुसार आपातकालीन अवधि 25 जून, 1975 से 21 मार्च, 1977 तक मीसा के अंतर्गत जेल में डाले गए प्रदेश के लोकतंत्र सेनानियों को 16 हजार रुपये सम्मान पेंशन स्वीकृत की गई। प्रदेश सरकार ने आपातकाल में जेल जाने वालों को सम्मान पेंशन में वृद्धि करने के बाद लोकतंत्र सेनानियों को 20 हजार रुपये पेंशन मिल दी जा रही है। जो अब लोकतंत्र सेनानियों की विधवा पत्नी अथवा विधुर पति को भी दिए जाने की स्वीकृति प्रदान की गई है।
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.