मुख्यमंत्री पुष्कर धामी को अपनी पहली केदारनाथ यात्रा के दौरान तीर्थ पुरोहितों के विरोध का सामना करना पढ सकता है । बाकायदा केदार सभा के तीर्थ पुरोहितों ने स्थानीय प्रशासन को इस संदर्भ में सूचना प्रेषित कर दी है। चेतावनी दी है कि यदि देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार न किया गया तो मुख्यमंत्री के केदारनाथ आगमन पर उनका विरोध किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को मुख्यमंत्री रुद्रप्रयाग जनपद के एकदिवसीय दौरे पर हैं। इस दौरान उनका केदारनाथ धाम जाने का कार्यक्रम भी प्रस्तावित है। इसकी भनक लगते ही केदार सभा के तीर्थ पुरोहितों ने मुख्यमंत्री की पहली यात्रा के विरोध की तैयारियां भी शुरू कर ली हैं। तीर्थ पुरोहितों ने स्थानीय प्रशासन को इस संदर्भ में ज्ञापन भी प्रेषित किया है।
केदार, सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला,आचार्य संतोष त्रिवेदी एवं संजय तिवारी ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि मुख्यमंत्री की केदारनाथ की यात्रा मोदी के ङीम प्रोजेक्ट एवं केदारनाथ में हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों को देखने आना है। तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि यदि मुख्यमंत्री तीर्थों की यात्रा करते तो उन्हें चार धामों की वामावर्त यात्रा करनी चाहिए थी ।इसमें सर्वप्रथम यमुनोत्री उसके बाद गंगोत्री ,केदारनाथ एवं बदरीनाथ की यात्रा का प्रावधान है कहा कि मुख्यमंत्री के केदारनाथ आगमन पर उनका पुरजोर विरोध किया जाएगा। इसके अलावा सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री का भी केदारघाटी आगमन का कार्यक्रम है, उनका भी यहां आने पर विरोध एवं सार्वजनिक बहिष्कार किया जाएगा।
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