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मूल निवासी संघ ने नई शिक्षा नीति पर रोक लगाने की मांग उठाई, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

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गोपेश्वर। मूल निवासी संघ की चमोली इकाई ने नई शिक्षा नीति पर रोक की मांग उठाई है। संघ के पदाधिकारियों ने सोमवार को जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजा। उन्होंने केंद्र सरकार की ओर से लागू की गई शिक्षा नीति को आरक्षित वर्ग के साथ गरीब तबके लिये अनउपयोगी बताया है।
संघ की जिला प्रभारी अंजू अग्निहोत्री ने कहा कि केंद्र सराकर की ओर से नइ्र शिक्षा नीति लागूकर आरक्षित और गरीब वर्ग में बच्चों को शिक्षा से वंचित रखने की योजना तैयार की गई है। जिसका मूल निवासी संघ की ओर विरोध किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संघ की ओर से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर शिक्षा नीति 2020 पर रोक लगाते हुए 2002 की डा. कोठारी की शिक्षा नीति को लागू करने की मांग की गई है। इसके साथ ही संघ द्वारा देश सभी बोर्डों के पाठ्यक्रम को समान करने, शिक्षा के निजीकरण पर रोक लगाते हुए शिक्षा का राष्ट्रीयकरण करने, शिक्षा के लिये गठित बोर्डों में सामान्य व आरक्षित वर्ग के अधिकारियों को समान अवसर देने, अनुबंधित शिक्षकों के स्थान पर स्थाई शिक्षकों की नियुक्ति किये जाने और दुनिया के विश्व विद्यालयों के लिये भारतीय शिक्षा नीति से संचालित करते हुए देश के पाठ्यक्रम की बाध्यता लागू करने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि मामले में कार्रवाई होने तक संघ एक देश एक शिक्षा नीति की मांग को लेकर संघर्षरत रहेगा। इस मौके पर संघ की जिलाध्यक्ष राधा राज, शांति टम्टा, आशा और दीपा आर्य आदि मौजूद थे।