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शीतकाल के लिये बंद हुई विश्व धरोहर फूलों की घाटी

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  • कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष 930 पर्यटकों ने किये घाटी के दीदार

गोपेश्वर। विश्व धरोहर फूलों की घाटी शनिवार को शीतकाल के लिये बंद कर दी गई है। इस वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते यहां पूरे यात्राकाल में 930 पर्यटक घाटी के दीदार को पहुंचे। पर्यटकों की कम संख्या के चलते इस वर्ष नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान के राजस्व में भी भारी कमी आई है।
फूलों की घाटी को प्रतिवर्ष जून माह में पर्यटकों के लिये खोल दिया जाता है। जिसके बाद यहां बडी संख्या में देश और विदेशी पर्यटक यहां प्रकृति के सौंदर्य को देखने पहुचते हैं। लेकिन इस वर्ष कोरोना की पाबंदियों के बीच 8 जून को खुली फूलों की घाटी के दीदार के लिये पांच माह में 930 पर्यटक ही व पहुंच सके। जिनसे पार्क प्रशासन को 1 लाख 38 हजार की आय प्राप्त हुई है। जबकि बीते वर्ष 2019 में यहां 17 हजार 640 देशी और विदेशी पर्यटकों के पहुचने से पार्क प्रशासन ने 27 लाख 60 हजार 450 रूपए की आय प्राप्त की थी।

कहाँ है विश्व धरोहर फूलां की घाटी—
चमोली जिले में समुद्र तल से 13 हजार फीट की ऊंचाई पर विश्व धरोहरों में शामिल फूलों की घाटी स्थित है। 6 नवंबर 1982 में क्षेत्र को सरकार की ओर से राष्ट्रीय पार्क घोषित किया गया। जिसके बाद इसकी जैव विविधता के चलते वर्ष 2004 में यूनेस्को की ओर से इसे विश्व धरोहरों में शामिल किया गया। यहां वनस्पति विज्ञानियों के अनुसार पाँच सौ से अधिक प्रजातियों के हिमलायी फूल पाये जाते हैं।

 

कैसे पहुंचा जाता है फूलों की घाटी–
ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग के गोविंद घाट पडाव से 19 किलोमीटर की पैदल दूरी पार कर फूलों की घाटी पहुंचा जा सकता है। यहां पैदल मार्ग पर घांघरिया पड़ाव पर आवास व भोजन की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है।