तस्वीर भगवान घण्टाकर्ण देवरा यात्रा की है ,किस तरह पाण्डुकेश्वर गांव के ग्रामीण भारी बर्फ में भगवान घण्टाकर्ण की देवरा यात्रा में वसुधारा में जा रहे है ,इस भारी बर्फ में भगवान घण्टाकर्ण के भक्त नंगे पांव में ही चल रहे है, यह बर्फ पहाड़ी नुमा ढाल है, यहाँ पर थोड़ी सी चूक पाव फिसला नही की सीधे की गहरी खाई में गिर सकते है, ये भगवान की आस्था का ही चमत्कार है ,कि भारी दिक्कतों के बाद इन भक्तो के चेहरे सिकन तक नही है भगवान के इस यात्रा में 50 से अधिक श्रदालु मौजूद है, जो भगवान बदरी विशाल और घण्टाकर्ण कि जयकारे के साथ 5 दिनों से आगे बढ़ते जा रहे है, सभी दुश्वारियां भूल भगवान के भक्ति में लीन है, भगवान भगवान घण्टाकर्ण की देव हर 12 साल में कुंभ की तर्ज पर होती है, और भगवान घंटाकर्ण अपने आराध्य भगवान बद्रीनाथ और अपने भाई घंटाकर्ण से मिलने जाते है, यात्रा के दौरान भगवान घण्टाकर्ण बद्रीनाथ धाम में स्थित सभी तीर्थों में जाते है, और सब जगह विशेष धार्मिंक आयोजन होता है, माणा में भगवन घण्टाकर्ण अपने भाई घण्टाकर्ण के साथ अवतारी पुरुष पर अवतार लेते है इसके बाद भगवान बद्रीनाथ से मिलने में बाद बामनी गांव में कुबेर भगवन को बुलाकर गाडू विशेष पूजा अर्चना होती है ,पाण्डुकेश्वर के लोग यात्रा काल मे अपने गांव बामणी गांव में रहते है और 6 माह भगवन बद्रीनाथ की भक्ति में लीन रहकर विभिन्न धार्मिक कार्य कर्मो का आयोजन करते है
Sign in
Welcome! Log into your account
Forgot your password? Get help
Password recovery
Recover your password
A password will be e-mailed to you.