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दुर्मी ताल निर्माण के लिये चिपको की तर्ज पर होगा जन आंदोलन

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दुर्मी ताल पुर्ननिर्माण की मुहीम को समर्थन देते हुए बोले बामपंथी विचारक आंनद सिंह राणा


पत्रकारों से बातचीत करते आंनंद सिंह राणा व मोहन सिंह नेगी।

चमोली। जिले की निजमुल घाटी के युवाओं द्वारा 15 अगस्त को पर्यटन विकास की सोच के साथ शुरु की गई मुहीम को समर्थन मिलने लगा है। एक ओर जहां सत्तारुढ़ दल के जन प्रतिनिधियों की ओर से क्षेत्र के तालों के संरक्षण और पुर्ननिर्माण को नैतिक समर्थन दिया गया है। वहीं दूसरी ओर जन आंदोलनों से जुड़े और सामाजिक क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों का समर्थन मिलने लगा है। शनिवार को बामपंथी विचारक और जन आंदोलनों से जुड़े आनंद सिंह राणा ने भी युवाओं की मुहीम को समर्थन दिया है।
आनंद सिंह राणा का कहना है कि 1970 में दुर्मी ताल के क्षतिग्रस्त होने के बाद से यहां पर्यटन व्यवसाय पूरी तरह ठप हो गया था। जिसके बाद से क्षेत्र के लिये कोई योजना तैयार होने से दशकों बाद भी यहां का विकास अवरुद्ध पड़ा है। ऐसे में युवाओं की ओर से शुरु की गई मुहीम क्षेत्र और चमोली जिले के लिये आस बंधाने वाली हैं। कहा कि राज्य में पर्यटन और तीथाटन आर्थिक मजबूती को अच्छा साधन है। लेकिन राज्य निर्माण के बाद भी इसे लेकर गंभीर प्रयास नहीं हो सके हैं। ऐसे में चमोली की दूरस्थ और दुरुह घाटी निजमूला पर्यटन विकास की मुहीम उत्साहित करने वाली है। उन्होंने इस मुहीम को समर्थन देते हुए अन्य लोगों से भी क्षेत्रीय विकास की भावना के साथ जुड़ने की बात कही है। उन्होंने दुर्मी ताल पुर्ननिर्माण को जन आंदोलन के रुप में युवाओं के साथ तेज करने की बात कही है। कहा कि मुहीम में चिपको अांदोलन की तर्ज पर ग्रामीणों को दुर्मी ताल निर्माण से होने वाले लाभों की जानकारी देते हुए आंदोलन संचालित किया जाएगा। इससे पूर्व गांधी शांति पुरुस्कार से सम्मानित चंडी प्रसाद भट्ट, बदरीनाथ विधायक महेंद्र भट्ट, भाजपा जिलाध्यक्ष रघुवीर बिष्ट, पूर्व पालिका अध्यक्ष अनुसूया प्रसाद भट्ट, प्रेम बल्लभ भट्ट, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, जिलापंचायत अध्यक्ष रजनी भण्डारी भी युवाओं की इस मुहीम को अपना-अपना समर्थन दे चुके हैं। इस दौरान ग्राम प्रधान ईराणी मोहन सिंह नेगी भी मौजूद थे।