Home ब्रेकिंग न्यूज़ ज्योतिर्मठ : स्वामी अविमुकेश्वरानन्द के पट्टाभिषेक पर कोर्ट ने लगाई रोक

ज्योतिर्मठ : स्वामी अविमुकेश्वरानन्द के पट्टाभिषेक पर कोर्ट ने लगाई रोक

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चमोली: सनातन धर्म की रक्षा के लिए आदिगुरु शंकराचार्य ने भारतवर्ष में चार मठों की स्थापना की थी. दक्षिण में श्रृंगेरी मठ, पश्चिम में शारदा मठ, पूर्व में गोवर्धनमठ और उत्तर में ज्योतिर्मठ की स्थापना की। ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद के निधन के बाद उनके शिष्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज का 17 अक्टूबर को अभिषेक पूजन का समोरह तय था जिस पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। ये रोक स्वामी गोविंदनंदन सरस्वती की याचिका पर लगी है।
*विवादों में रही है शंकराचार्य ज्योतिषपीठ की गद्दी*

ज्योतिर्मठ को लेकर ब्रह्मलीन स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती और स्वामी वासुदेवानंद के बीच साल 1989 से विवाद चल रहा है। मामला न्यायालय से लेकर धर्म संस्थानों में भी विचाराधीन रहा। शंकराचार्य के चयन को लेकर 1989 में शंकराचार्य विष्णुदेवानंद के निधन के बाद विवाद शुरु हुआ। जब वरिष्ठ संत कृष्ण बोधश्रम की वसीयत के आधार पर गोवर्धन मठ के शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने 8 अप्रैल 1989 को स्वयं को ज्योतिर्माठ का शंकराचार्य घोषित कर दिया।
जबकि स्वामी शांतानंद ने स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती को शंकराचार्य की पदवी दी थी। तब से अलग अलग कोर्ट्स में मामला चलता रहा।