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”बाखली” से मिलेगा रोजगार

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जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया की पहल पर जनपद चमोली में ‘‘बाखली’’ नाम से सरकारी होम स्टे की शुरूआत हो चुकी है। जिसके जरिए स्थानीय लोगों को रोजगार दिया जाएगा। योजना के तहत जिलासू में पहाडी शैली में पहला सरकारी होम स्टे मेहमानों के स्वागत के लिए तैयार है। इसके संचालन की जिम्मेदारी एकीकृत आजीविका परियोजना से जुड़े माॅ चण्डिका स्वायत्त सहकारिता समूह को दी गई है।

जिलाधिकारी की इस शानदार पहल पर ही जिले में ‘‘बाखली’’ (एक लंबी कतार में पहाडी शैली में बने घर) नाम से सरकारी होम स्टे की शुरूआत हुई है। निश्चित रूप में आगे चल कर इस योजना के तहत हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। जिलाधिकारी ने पिछले वित्तीय वर्ष में जिला योजना से इसके लिए पर्यटन विभाग को बजट आंवटित किया था। पर्यटन विभाग द्वारा यहाॅ पर पहाडी शैली में दो कमरों का सुन्दर होम स्टे तैयार किया है। जिसमें एक दिन में चार लोग ठहर सकते है। इसके संचालन की जिम्मेदारी माॅ चंण्डिका स्वायत्त सहकारिता समूह को दी गई है।
कृषि आधारित पर्यटन को बढावा देने के लिए जिलासू में हो स्टे तैयार किया गया है। खास बात यह है कि इससे स्थानीय लोगों को रोजगार और स्थानीय उत्पादों की बिक्री का बाजार भी मिलेगा। यहाॅ पर आने वाले पर्यटक जिलासू, लंगासू व इसके आसपास परम्परागत पहाडी खेती से भी रूबरू होंगे और ग्रोथ सेंटर से स्थानीय उत्पादों की खरीददारी कर सकेंगे। होम स्टे में पर्यटकों के लिए पहाडी व्यंजनों का खास मैन्यू तैयार किया गया है। यहाॅ पर पर्यटक मंडवे की रोटी, चैसा, फाणू, छाछ, बद्री-घी, स्थानीय दाल व सब्जियों, तिल्ल की चटनी आदि पहाडी व्यंजनों का लुफ्त उठा सकते है। स्थानीय लोग यहाॅ ग्रोथ सेंटर के माध्यम से अपने लोकल उत्पादों को बेचकर अच्छी आजीविका कमा सकेंगे।
जिला पर्यटन विकास अधिकारी वृजेन्द्र पांडेय ने बताया कि उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद में जल्द ही होम स्टे का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। लेकिन फिलहाल यहाॅ पर आने के इच्छुक पर्यटक मोबाइल नंबर 9536376331 पर संपर्क कर बुकिंग ले सकते है।
बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर कर्णप्रयाग से लगभग 8 किलोमीटर नंदप्रयाग की ओर नदी किनारे बसा जिलासू एक सुन्दर गांव है। यहाॅ पर अलकनंदा नदी का सुन्दर एवं विहंगम नजारा दिखता है। जिला प्रशासन ने यहाॅ पर ग्रामीण हाॅट, आयुर्वेदा अस्पताल में पंचकर्मा सुविधा एवं मेडिटेशन सेंटर की व्यवस्था बनाई है और यहाॅ पर रिवर बीच का भी सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है।

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