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रेल परियोजना के खिलाफ बड़े आंदोलन के मूड में प्रभवित

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  • रेल परियोजना के खिलाफ बड़े आंदोलन के मूड में प्रभवित
  • निर्माणदायी कम्पनियों पर ग्राम पंचायत के अधिकारों के हनन का आरोप
  • डेमेज किये गाव के सार्वजिनक रास्तो की जगह बनाये जा रहे दुर्घटनात्मक रास्ते
  • ग्राम पंचायत समिति का आरोप हमारे अधिकार के छेड़खानी की तो होगा मुकदमा दर्ज
  • कई सामाजिक और राजनीतिक दलों का भी आ सकते है समर्थन में
रुद्रप्रयाग। रेल परियोजना प्रभवित नरकोटा गाव ने निर्माणदायी कम्पनियों पर धोखधड़ी का आरोप लगाया है। वही पँचायत समिति ने कहा कि कम्पनिया पंचायतो के अधिकारों का हनन कर मनमाफी तौर पर काम कर रही है। जिसको लेकर कम्पनियों पर मुकदमा दर्ज करवाया जाएगा। वही कयास लगाए जा रहे है कि अगर आंदोलन होता है तो कई सामाजिक और राजनीतिक दल भी ब्यापक समर्थन दे सकते है।
   विदित हो कि पूर्व में रेल प्रभवित गाव नरकोटा की दो बार तत्कालिक जिलाधिकारी वन्दना एवं जिला पंचायत अध्यक्ष अमरदेई शाह की अध्यक्षता में वार्ता हुई हैं। जिसमे शतप्रतिशत रोजगार के साथ किसी भी प्रकार की मशीने जिससे अधिके से अधिक प्रभवितो को फायदा हो और ग्राम पंचायत को भी इसका राजस्व मिले गाव के अंदर ही संचलित करने का आश्वाशन कार्यदायी संस्था आरबीएनल द्वारा दिया गया। जो कि सभी प्रमुख अखबारों में प्रकाशित भी हुआ। लेकिन अभी तक मात्र दो फीसदी ही रोजगार प्रभवितो को मिला है।
इससे खफा ग्राम पंचायत समिति नरकोटा का आरोप है की आरबीएनएल और उसकी कार्यदायी संस्थाए किसी भी मसले पर सकारत्मक नजरिये से कार्य नही कर रही है। अभी तक गाव से एक युवक को नौकरी और तीन के वाहन कम्पनियों में लगे है। यानी मात्र चार लोगों को रोजगार दिया गया है।
   ग्राम प्रधान चंद्रमोहन का कहना है कि सबसे बड़ी तानाशाही कम्पनियों की ग्राम पंचायत को विश्वाश में न लेकर काम करने की है। गाव से कम्पनी को पानी चाहिये, कॉलोनियां गाव के अंदर बन रही है, प्राकृतिक गड्डा एनजीटी को धत्ता बताकर तहस नहस कर दिया है, गाव के सार्वजनिक रास्ते तोड़कर दुर्घटना को अंजाम देने वाले रास्ते  बनाये गए है, ये सब काम बिना ग्राम पंचायत समिति और प्रधान को विश्वाश मै लिए बगैर किया है। जिस पर पँचायत समिति को कार्यवाही का अधिकार है और करेगी।
  वही समिति के सदस्य राखी देवी, लता देवी, विनोद प्रसाद और रेखा देवी ने कहा कि एक सप्ताह के भीतर आरबीएनल और कांट्रेक्टर्स कंपनियां जिलाधिकारी के समझ बैठक कर ले वरना बड़े आंदोलन के लिए तैयार रहे।
ये संगठन दे सकते है-
यदि रेलवे प्रभवित आंदोलन पर उतारू होते है तो जन अधिकार मंच, यूकेडी, आम आदमी पार्टी, प्रधान संघठन, कई जिला पचायत सदस्य आदि संगठन ब्यापक रूप से अपना समर्थन दे सकते है।
आखिर गाव को कमजोर करना चाहती है कम्पनियां
रुद्रप्रयाग। बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि जिस गाव में रेलवे लाइन का काम चल रहा वहां से कम्पनियों को हर प्रकार की सुविधा चाहिए। यानी पानी, कालोनियां, कर्मचारियों को रखने की ब्यवस्था सहित कई जरूरते ऐसी है जो बिना ग्राम पंचायत समिति के सहयोग से नही मिल सकती, लेकिन जब समिति कम्पनियों को गाव के अधिक से अधिक लोगो को रोजगार देने, गाव के भीतर प्रभवितो को छोटी व बड़ी मशीन लगाने की अनुमति देने की बात करती है तो बाहरी लोगों को फायदा पहुचाया जाता है। ऐसे ग्राम पंचायत का कमजोर होना जायज है। जो सरकार की।मनसा के भी खिलाफ है और इस पर आंदोलन होना भी जायज है।