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घाट के लोगों ने मानव श्रृंखला बना कर सरकार को चेताया

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  • घाट के लोगों ने मानव श्रृंखला बना कर सरकार को चेताया
  • सरकार की वादाखिलाफी पर जताई नाराजगी
  • नंदा भक्तो की नाराजगी पड़ेगी भविष्य मे भारी
गोपेश्वर।: उत्तराखंड की आराध्य मां नंदा देवी का मायका माने जाने वाले घाट विकासखंड की मुख्य मोटर सड़क नंदप्रयाग-घाट का चौड़ीकरण, सुधारीकरण एवं डामरीकरण का  स्वीकृत कार्य आखिर कब धरातल पर उतरेगा, यह यक्ष प्रश्न हर किसी को मथ रहा है। इस प्रश्न के उठने का बड़ा कारण यह है कि स्वयं प्रदेश के मुखिया की दो-दो बार खुले मंच से घोषणा करने एवं घोषणाओं के तीन बरस बाद क्षेत्रीय जनता के पिछले डेढ़ माह से आंदोलित रहने के बाद भी ठोस कार्रवाई का न होना रेखांकित हो गया है।चमोली जिले के विकासखंड घाट में पिछले डेढ़ महीने से चल रहे आंदोलन को अब स्थानीय लोगों ने एक नए रूप में इस आंदोलन को आगे बढ़ाया है रविवार को आंदोलनकारियों के समर्थन में समस्त क्षेत्र के महिला बच्चे बुजुर्ग सड़कों पर उतर आए इस दौरान उन्होंने विकासखंड घाट आंदोलन स्थल से नंदप्रयाग मानव श्रृंखला के माध्यम से सरकार से मांग करें विकासखंड घाट के लिए नंदप्रयाग घाट सड़क का शीघ्र अति शीघ्र चौड़ीकरण हो
दरअसल घाट ब्लाक को नंदा राजराजेश्वरी भगवती का मायका माना जाता हैं। प्रत्येक 12 वर्ष अथवा लग्नानुसार विश्व की सबसे लंबे पैदल यात्रा श्री नंदा राजजात यात्रा का प्रमुख केन्द्र के साथ ही प्रत्येक वर्ष भादों मास में आयोजित होने वाली श्री नंदा लोक जात यात्रा का आगाज इस ब्लाक के नंदा सिद्धपीठ कुरूड़ से होता है। सिद्धपीठ के कारण ही प्रति वर्ष हजारों की संख्या में यहां पर देवी भक्तों का आना जाना लगा रहता हैं।एक तरह से पूरा घाट प्रखंड धार्मिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण है लेकिन उचित यातायात सुविधा के अभाव में स्थानीय निवासियों के साथ ही यहां आने वाले देवी भक्तों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता हैं।
बताते चलें कि ऋषिकेश-बद्रीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से मात्र 19 किमी मोटर सड़क की स्थिति आज भी बदहाल बनी हुई हैं।55 ग्राम पंचायतों वाले घाट ब्लाक मुख्यालय तक 1962 में सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ था।तब से इस में थोड़ा बहुत सुधार के अलावा बहुत कुछ अधिक नहीं हुआ हैं। दशकों से भूस्खलन, बाढ़, सड़क कटाव सहित तमाम अन्य दिक्कतों के चलते इस सड़क की स्थिति बद से बद्तर हो गई हैं। 10 जनवरी को घाट प्रखंड की 55 ग्राम सभाओं के अबाल वृद्ध नर – नारियों की भागीदारी से बनी अभूतपूर्व मानव श्रृंखला ने एक बड़ी अंगड़ाई का इजहार कर दिया है।
पिछले लंबे समय से घाट क्षेत्र की जनता बिना किसी राजनीतिक पैंतरेबाजी के एकजुटता से नंदप्रयाग-घाट 19 किमी मोटर सड़क को डेढ़ लाइन बनाने के अलावा इसके सुधारीकरण एवं डामरीकरण की मांग विभिन्न मंचों से उठाती आ रही है, किन्तु आज दिन तक उनके अरमान परवान नही चढ़ पाएं हैं।
बताया जा रहा हैं कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के 14 अगस्त 2017 को पुलिस लाईन गोपेश्वर में ही इस सड़क के चौड़ीकरण एवं डामरीकरण की घोषणा की थी, जिस पर 14 सितंबर 2017 को ही 1 करोड़ 28 लाख 44 हजार रुपयों की वित्तीय स्वीकृत के अलावा 15 अक्टूबर 2018 को इस सड़क को डेढ़ लाईन बनाये जाने की भी स्वीकृति देने की बात कागजों में तों की जा रही हैं,पर अब तक धरातल पर कुछ भी दिखाई नही पड़ रहा है।
तमाम मंचों पर इस सड़क की स्थिति के संबंध में मांग उठाए जाने के बावजूद जब किसी भी स्तर पर जनता की मांग नहीं सुनी गई तो  2020 के 4 दिसंबर से क्षेत्रीय जनता ने व्यापार संघ घाट व टैक्सी यूनियन घाट के सहयोग से ब्लाक मुख्यालय घाट में आंदोलन शुरू कर दिया। जोकि रविवार को भी जारी रहा। आंदोलन के 38 दिन बीत जाने के बावजूद क्षेत्रीय जनता की एक सूत्रीय मांग पूरी नही होने पर अब क्षेत्रीय जनता में आक्रोश बढ़ने के साथ ही वह अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है। 10 जनवरी का मानव श्रृंखला का आंदोलन इसी की अभिव्यक्ति रहा है। पूरे प्रखंड के 55 ग्राम सभाओं के लोगो कि एकजुटता से आज साफ तौर पर सत्ता प्रतिष्ठान को संदेश दे दिया है कि यह मुद्दा आने वाले दिनों में उसे भारी पड़ सकता है।
चमोली
चमोली जिले के विकासखंड घाट में पिछले डेढ़ महीने से चल रहे आंदोलन को अब स्थानीय लोगों ने एक नए रूप में इस आंदोलन को आगे बढ़ाया है रविवार को आंदोलनकारियों के समर्थन में समस्त क्षेत्र के महिला बच्चे बुजुर्ग सड़कों पर उतर आए इस दौरान उन्होंने विकासखंड घाट आंदोलन स्थल से नंदप्रयाग मानव श्रृंखला के माध्यम से सरकार से मांग करें विकासखंड घाट के लिए नंदप्रयाग घाट सड़क का शीघ्र अति शीघ्र चौड़ीकरण हो
 बताते चलें कि विकासखंड घाट चमोली जिले का दूरस्थ और दुर्गम क्षेत्र है विकासखंड घाट में 52 ग्राम सभाएं हैं और नंदप्रयाग घाट सड़क से लाभान्वित होने वाले 30 ग्राम पंचायत हैं विकासखंड कर्णप्रयाग की है 1965 में क्षेत्र की जरूरत को देखते हुए तत्कालीन सरकारों ने नंदप्रयाग घाट सड़क का निर्माण करवाया था उसके बाद विकासखंड घाट के दूरस्थ गांव में भी सड़क निर्माण हुए लेकिन नंदप्रयाग घाट सड़क पर वाहनों की आवाजाही लगातार बढ़ती गई लेकिन सड़क की चौड़ाई जस की तस बनी रही वर्तमान समय में विकासखंड घाट की जनसंख्या लगभग 40,000 से अधिक है सड़क की बदहाल स्थिति होने के कारण कई दुर्घटनाएं यहां पर हो चुकी हैं इसमें कई लोगों की जानें भी जा चुकी है
इन सब समस्याओं को देखते हुए विकासखंड घाट की जनता ने नंदप्रयाग घाट सड़क के चौड़ीकरण को लेकर आंदोलन की शुरुआत की है पिछले 36 दिनों से घाट तिराहे पर व्यापार संघ और टैक्सी यूनियन के नेतृत्व में आंदोलन जारी है शासन और प्रशासन के लोगों की अनदेखी के चलते आंदोलनकारियों ने एक ऐसा आंदोलन  शुरू करो जो उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार हुआ होगा विकासखंड घाट से नंदप्रयाग की ओर विभिन्न गांवों से महिलाएं बुजुर्ग बच्चे आंदोलनकारियों के साथ सड़कों पर उतर आए और नंदप्रयाग घाट सड़क के चौड़ीकरण की मांग को लेकर एक मानव श्रृंखला बनाकर सरकार को अपनी समस्याओं से अवगत करवाया स्थानीय लोगों का कहना है कि लगातार शासन और प्रशासन को नंदप्रयाग घाट सड़क चौड़ीकरण की मांग की जाती रही है लेकिन किसी ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया है जिसके चलते आज क्षेत्रवासियों को इस तरह से सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ रहा है। इस दौरान टैक्सी यूनियन अध्यक्ष मनोज कठैत, व्यापार संघ अध्यक्ष चरण ंिसह, ब्लाॅक प्रमुख भारती देवी, लक्षमण ंिसह राणा, बीरेन्द्र सिंह, नन्दन सिंह, जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मण ंिसह, पूर्व प्रधान तेजवीर कण्डेरी, देवेन्द्र फस्वार्ण, दीपक रतूडी, हरीश रावत, सुखवीर रौतेला, सुरेन्द्र सिंह, क्षेत्र के ग्राम प्रधान पुष्कर सिंह, मोनिका देवी प्रधान  ग्राम विजार’ आदि