उत्तराखंड में अब शिक्षकों की वरिष्ठता को लेकर विवाद सुलझने के बाद अब पदों को पदोन्नति से भरे जाने का रास्ता साफ हो गया आपको बता दें प्रदेश में 637 हाई स्कूलों में हेड मास्टरों के पद काफी लंबे समय से खाली चल रहे थे ऐसे में प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने इन तमाम 637 हाई स्कूलों में हेड मास्टरों के पद जल्द से जल्द भरे जाने के आदेश अधिकारियों को दिए हैं शिक्षा विभाग के पद काफी लंबे समय से खाली चल रहे थे लेकिन अब वरिष्ठता का मामला सुलझने के बाद इन तमाम पदों को प्रमोशन से भरे जाने का रास्ता साफ हो गया है अब बता दें प्रदेश प्रदेश में पिछले 17 सालों से चला आ रहा शिक्षकों का वरिष्ठता का मसला आखिरकार सुलझ गया है जी हां तदर्थ शिक्षकों के मामले में ऐसा फैसला सरकार ने किया है आपको बता दें तदर्थ नियुक्ति और सीधी भर्ती से नियुक्त शिक्षक पिछले लंबे समय से वरिष्ठता की जंग में उलझे हुए थे हाई कोर्ट और ट्रिब्यूनल मैं कई साल तक यह मामला ऐसे ही उलझा रहा और गंगा में काफी पानी बह गया ऐसे में शासन ने अब हाईकोर्ट के आदेश का पालन करते हुए बीच की राह खोजने की कोशिश की उत्तर फिलहाल शिक्षकों के गुटों में काफी हद तक सहमति दिखाई दे रही है इसके तहत तदर्थ शिक्षकों को नियुक्ति तिथि से सीनियरिटी का लाभ शासन ने नहीं दिया है लेकिन 1 अक्टूबर 1990 से उन्हें परमानेंट या फिर यूं कहें नियमित मान लिया गया है तदर्थ शिक्षकों को सेवानिवृत्ति के मौके पर तमाम वित्तीय लाभ मिलेंगे रात में लंबे समय से हटके प्रमोशन भी हो सकेंगे सरकार द्वारा लिए गए इस फैसले के बाद तब खाली पड़े हेड मास्टर के पदों को भी जल्द से जल्द भर लिया जाएगा मंत्री की तरफ से इसको लेकर निर्देश जारी कर दिए गए हैं
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